Welcome to Barwala Block (Hisar)

युवा किसान की करंट से मौत:4 साल पहले हुई थी शादी; नहीं हुए थे बच्चे, पिता की भी हो चुकी डेथ

          

जींद में 28 जुलाई को दनौदा चबूतरे पर महापंचायत:उत्तर भारत की 300 खापों को निमंत्रण; लव मैरिज-लिव-इन- रिलेशन पर होगी चर्चा

          

मदनपुरा उकलाना में सरकारी टीचर की तीसरी पत्नी ने जहर निगला:2 पत्नियां छोड़कर जा चुकीं; परिजन बोले- मास्टर ने धमकाया, इसलिए खुदकुशी की

          

फ़िल्मी स्टाइल में डॉक्टर को लुटा , अस्पताल में मरीज बनकर आए बदमाश :

          

हिसार में बस स्टैंड शिफ्टिंग का विरोध:

          

राखीगढ़ी की साइट नंबर एक पर ग्रामीणों का धरना तीसरे दिन भी जारी

राखीगढ़ी की साइट नंबर एक पर ग्रामीणों का धरना तीसरे दिन वीरवार को भी जारी रहा। धरने पर ग्रामीणों की ओर से एक 11 सदस्य कमेटी का गठन किया गया। धरने की अध्यक्षता संदीप लौरा ने की। ग्रामीणों की तरफ से श्मशान घाट के लिए 5 एकड़ जमीन की मांग की जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक श्मशान घाट के लिए अलग से जमीन नहीं मिल जाती तब तक वह यहीं पर अंतिम संस्कार करेंगे। इसे लेकर 19 सितंबर से साइट नंबर-1 पर ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया था।

कमेटी में राखीगढ़ी की सरपंच मीनाक्षी देवी, राजबीर मलिक, बनी सिंह वाल्मीकि, श्यामलाल, सोनू मास्टर, बलराज मास्टर, कृष्ण मलिक, संदीप लौरा, राममेहर शर्मा, दलिया जांगड़ा व दिनेश ढांडा शामिल हैं। वीरवार को कांग्रेस नेता दिलबाग ढांडा व अनेक किसान नेताओं ने धरने पर पहुंच कर अपना समर्थन दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि श्मशान घाट के लिए 5 एकड़ जमीन और इसकी चहारदीवारी, पक्का रास्ता, एक शेड, पानी की व्यवस्था, मुर्दे जलाने की मशीन व कमरा होना चाहिए। गांव राखी गढ़ी में बाहर के जो भी चौकीदार और कर्मचारी लगे हुए हैं। उनको हटाकर गांव के ही लोगों को लगाया जाए।

गांव राखीगढ़ी में पुरातत्व विभाग द्वारा जो भी लेबर, मनरेगा और आउटसोर्स या जो भी सरकारी कर्मचारी लगाए जाएं उनमें गांव के लोगों को प्राथमिकता दी जाए। पुरातत्व विभाग की आउटसोर्स भर्ती और सरकारी भर्ती के जो भी पद निकले उसमें गांव के लिए 80 प्रतिशत पद आरक्षित होने चाहिए। गांव में कोई भी सामूहिक निर्माण कार्य किया जाए तो उसके लिए पुरातत्व विभाग व प्रशासन से तुरंत एनओसी मिलनी चाहिए ताकि विकास कार्य में कोई बाधा न आए। वाल्मीकि मंदिर के लिए एक एकड़ जमीन का कब्जा है, इसमें प्रशासन कोई दखलअंदाजी न करें। जो जमीन जैविक कचरा प्रबंधन संयंत्र के लिए कंपनी को दी गई थी अब वह कंपनी जा चुकी है इस जमीन को खाली करवाया जाए। पुरातत्व विभाग ने जितनी भी जमीन पर कब्जा किया है। उसके बदले में हमें पशुओं को चराने के लिए, कूड़ा और उपलों के लिए व पशुओं को बैठाने के लिए अलग से जमीन दी जाए। क्योंकि घराें की छतों पर उपले बनाए जाते हैं, जिस कारण गांव में महामारी फैलने का खतरा है।

Spread the love