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हरियाणा में फिर नॉन जाट फार्मूले पर BJP:जाट वोटर 22.2% लेकिन 4 पार्टियों में बंटे; सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बना 21% OBC साधने की कोशिश

नायब सैनी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंचकूला में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके CM मनोहर लाल खट्‌टर भी मौजूद रहे। - Dainik Bhaskar
नायब सैनी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पंचकूला में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके CM मनोहर लाल खट्‌टर भी मौजूद रहे।

हरियाणा में अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) गैर जाट वोट बैंक फार्मूले पर ही फोकस करेगी। संगठन में बदलाव कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने यह संदेश दे दिया है।

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हरियाणा में 22.2% जाट वोट बैंक के बावजूद भी पार्टी ने नंबर 2 पर 21% वोट बैंक वाली पिछड़ी जाति के वोट बैंक पर फोकस किया है। इसकी वजह जाट वोट बैंक का कई पार्टियों में बंटा होना है। यही कारण है कि पार्टी ने बीसी समाज के बड़े चेहरे और कुरूक्षेत्र से सांसद नायब सैनी को संगठन की कमान देते हुए प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।

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2014 में खेला था पहला दांव, जो कारगर रहा
हरियाणा में जाट बैंक के दबदबे के बाद भी पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद गैर जाट चेहरा मनोहर लाल खट्‌टर पर दांव खेला था। पांच साल पूर्ण बहुमत से जीत के बाद 2019 में भी पार्टी नेतृत्व ने यह फॉर्मूला कायम रखा और फिर सत्ता में वापसी की। जिसके बाद दोबारा गैर जाट चेहरे मनोहर लाल को ही मुख्यमंत्री बनाया। अब एक बार फिर से पार्टी गैर जाट फार्मूले को लेकर 2024 में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

हरियाणा का राजनीतिक गणित
हरियाणा में चाहे कोई भी पार्टी हो, उसका फोकस जाट वोटों पर ही रहता है। खासकर कांग्रेस इस वोट बैंक को अभी तक अपना मानती है। इसकी वजह यह भी है कि कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा जाट नेताओं का बड़ा चेहरा है। हालांकि भाजपा भी जाट समाज के कुल 28% वोट बैंक में से 18 से 20 प्रतिशत जाट वोट हर चुनाव में लेकर जाती है। यह भाजपा का ऐसा वोट है जो हर चुनाव में पार्टी को मिलता है।

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