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हिसार का ऐतिहासिक स्थल राखीगढ़ी: साइट नंबर एक पर ग्रामीणों का धरना दूसरे दिन भी जारी, इस मांग पर अड़े

सोमवार को राखी गढ़ी निवासी धूप सिंह व राजा की मौत हो गई थी। ग्रामीण उसके दाह संस्कार के लिए जब साइट नंबर एक पर करीब साढ़े चार बजे दाह संस्कार करने पहुंचे तो साइट नंबर एक के सिक्योरिटी गार्डों ने गेट को ताला लगाकर वहां से भाग गए थे।

ऐतिहासिक नगरी राखीगढ़ी की साइट नंबर एक पर ग्रामीणों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों की तरफ से हिंदू व मुसलमान के श्मशान घाट के लिए 5 एकड़ जमीन की मांग की जा रही है। मंगलवार की रात तहसीलदार व बीडीपीओ ने ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों की शर्त पूर्ण करने पर सहमति नहीं बन सकी। वही ग्रामीणों का कहना है कि जब तक शमशान घाट के लिए अलग से जमीन नहीं मिल जाती तब तक वह यहीं पर अंतिम संस्कार करेंगे। जिसको लेकर मंगलवार से साइट नंबर एक पर ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया था। धरने की अध्यक्षता पूर्व सरपंच राजबीर ने की।

ग्रामीणों के अनुसार
ग्रामीण संदीप लौरा, संदीप ढांडा, सुंदर, राजीव, जोगी राम, सीता राम, काला बाल्मीकी, सुलोचना, बीरमाती इत्यादि ने बताया कि सैकड़ो वर्षों से उनके बुजुर्ग इसी जगह पर वर्षों से अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं। अभी तक इसको लेकर कोई एतराज नहीं किया गया था। सोमवार को राखी गढ़ी निवासी धूप सिंह व राजा की मौत हो गई थी। ग्रामीण उसके दाह संस्कार के लिए जब साइट नंबर एक पर करीब साढ़े चार बजे दाह संस्कार करने पहुंचे तो साइट नंबर एक के सिक्योरिटी गार्डों ने गेट को ताला लगाकर वहां से भाग गए थे।

करीब साढ़े 6 बजे तक ग्रामीण गेट खुलने का इंतजार करते रहे लेकिन गेट नहीं खोला गया। उनको मजबूरी वस 2 घंटे इंतजार करने के बाद गेट का ताला तोड़कर दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया था। ग्रामीणों का कहना है कि टीला नं एक पर गांव का पुराना शमशान घाट है। जिसके अंदर दाह संस्कार के लिए शेड भी बने हुए हैं। लेकिन प्रशासन द्वारा टीला नं एक के गेट पर ताला लगाकर चौकीदार लगाए हुए है और ग्रामीणों द्वारा वहां पर अंतिम संस्कार करने से मना किया जा रहा है। लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से उनको इसके बदले कहीं पर भी कोई जमीन मुहैया नहीं करवाई गई है।

ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन द्वारा म्यूजियम के साथ पंचायत की एक एकड़ जमीन दाह संस्कार के लिए ग्रामीणों को दी गई है। जिसका पंचायत रेगुलेशन भी दिया जा चुका है वहां तक का रास्ता पक्का किया जाए, उस जगह की मिट्टी से भर्ती करवाई जाए और उसकी चार दीवारी बनवाई जाए, जब तक उनकी यह सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक उनको साइट नंबर एक पर ही दाह संस्कार करने की अनुमति दी जाए, साइट पर लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड व चौकीदार गांव के युवकों को नहीं लगाया जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा।

अधिकारी के अनुसार
नारनौंद के बीडीपीओ सत्यवान और खेड़ी जालब के नायब तहसीलदार सुरेश कुमार ज्वाइंट कमेटी गठित की गई है। जिनको जल्द से जल्द जमीन चिन्हित करने के आदेश दिए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा पहले भी पत्र लिखकर यहां पर दाह संस्कार करने से मना किया जा चुका है। क्योंकि यह जमीन अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आती है। -विकास यादव, एसडीएम नारनौंद।

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