उकलाना के राजकीय स्कूल में शिक्षक कुलदीप शर्मा की हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत अदालत में अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज
उकलाना में अनुसूचित जाति के बच्चे को पानी की बोतल से पानी पीने पर जातीय प्रताड़ना देने व छाती पर पैर रखकर उसके मुंह में जबरदस्ती पानी डालने के मामले में शिक्षक कुलदीप शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका विशेष अदालत ने खारिज कर दिया।
उकलाना के राजकीय स्कूल में शिक्षक कुलदीप शर्मा ने हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
पीड़ित छात्रा द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार
पीड़ित छात्र के वकील रजत कल्सन : एससी छात्र स्कूल में पानी की टंकी से जब पानी पीने लगा तो उसके साथी ने बताया कि पानी के टंकी में कीड़े पड़े हुए हैं जिसके बाद उक्त छात्र कक्षा में चला गया जहां पर आरोपी अध्यापक की पानी की बोतल में से पानी पीने लगा तो उक्त अध्यापक वहां पर आ गया तथा उसने छात्र को जमीन पर गिराकर व उसकी छाती पर पैर रखकर जबरदस्ती मुंह में पानी दाल दिया तथा छात्र को जाति सूचक गालियां देने लगा। इस मामले में 22 अगस्त को छात्र की शिकायत पर उक्त अध्यापक के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धारा 3 व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट तथा आईपीसी की धारा 3 में मुकदमा दर्ज हुआ था । आरोपी शिक्षक की गिरफ्तारी को लेकर अनुसूचित वर्ग के लोगों ने उकलाना में मंत्री अनूप धानक के आवास के बाहर रोष प्रदर्शन भी किया था।
अग्रिम जमानत याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता कल्सन ने अदालत को बताया कि इस मामले में दर्ज मुकदमे में डीएसपी ने गैरकानूनी तरीका अपनाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किए बिना अदालत में सीधा चालान दे दिया। एससी एसटी एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम जैसे विशेष संज्ञेय कानून होने के बावजूद डीएसपी गौरव शर्मा ने आरोपी अध्यापक को पुलिस बेल पर छोड़ दिया । जब की एससी एसटी एक्ट की धारा 18A के अनुसार आरोपी को किसी भी अदालत द्वारा, चाहे वह शीर्ष अदालत ही क्यों व हो, अग्रिम जमानत देने का अधिकार नहीं है परंतु यहां पर तो पुलिस ने ही आरोपी को बचाने के लिए उसे अग्रिम जमानत दे दी।
दोनों पक्षों की बहस सुनाने के बाद शुक्रवार को अदालत ने आरोपी अध्यापक कुलदीप शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी। पीड़ित परिवार ने बताया कि आरोपी को बिना गिरफ्तार की अदालत में चालान देकर उसे गिरफ्तारी से बचाया है। इस बारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायत भी दी है