किसान बोले- सरकार से नहीं करेंगे बातचीत:पंजाब-हरियाणा के किसानों का फैसला, कल गवर्नर से मीटिंग; टिकैत बोले- मांगें नहीं मानी तो आंदोलन उग्र करेंगे
हरियाणा-पंजाब में किसानों का महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी रहा। अपनी मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेताओं ने मोहाली में मीटिंग की। मीटिंग में तय किया गया कि वह सरकार से कोई वार्ता नहीं करेंगे। किसान नेताओं ने बताया कि कल यानी मंगलवार को उनकी पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के साथ मीटिंग होगी।
वहीं, दूसरी तरफ पंचकूला में किसानों के महापड़ाव के दूसरे दिन किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों के साथ आंदोलन को लेकर चर्चा की। टिकैत ने कहा कि यदि सरकार किसानों की मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
15 किसान संगठन ले रहे भाग
पंचकूला में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान-मजदूर महापड़ाव में लगभग 15 किसान संगठन भाग ले रहे हैं। इनमें से कुछ मुख्य संगठन हरियाणा किसान मंच, BKU टिकैत, जय किसान आंदोलन, अखिल भारतीय किसान सभा, गन्ना किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान महासभा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान यूनियन आदि मिलकर महापड़ाव कर रहे हैं।
इन चार मांगों को लेकर प्रदर्शन
किसानों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए एकजुट होकर सरकार के साथ यह संघर्ष किया है। उनकी मुख्य मांगों में एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी, लखीमपुर खीरी हत्याकांड में शहीद हुए किसानों के लिए न्याय, पूर्ण कर्ज मुक्ति और प्राइवेट बिजली बिल रेड करो आदि 4 मांगें शामिल हैं। इन मांगों को लेकर किसान संगठनों ने आज से तीन दिनों के लिए धरना देने का निर्णय किया है।
वहीं, प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाई है ताकि धरना शांति और अनुशासन में ही बना रहे। इस महापड़ाव से सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका पूरा समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है