ग्रुप C-D के कर्मचारियों को सस्पेंड कर सकेंगे मेयर:हरियाणा CM ने दिया अधिकार; प्रशासनिक स्वीकृति 2.50 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की
हरियाणा में मेयर ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को निलंबित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में प्रदेश भर से आए मेयर और डिप्टी मेयर की मीटिंग में ये फैसला लिया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मीटिंग में मेयरों की प्रशासनिक स्वीकृति को 2.50 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए करने की घोषणा भी की। इस मीटिंग में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेयर एक बड़े क्षेत्र का चुना हुआ प्रतिनिधि होता है। हमारी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में पंचायती राज संस्थानों के लिए भी सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर कई प्रकार के अधिकार दिए हैं।
पार्षदों की भूमिका भी सीएम ने बताई
सीएम ने मीटिंग में कहा कि पहले की सरकारों में सत्ता का केन्द्रीकरण होता था, जबकि हमने सत्ता का विकेन्द्रीकरण किया है। उन्होंने कहा कि कल की कैबिनेट बैठक में शहरों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उनके क्रियान्वयन में मेयरों और पार्षदों की बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोगों को इस बारे में जागरूक करें ताकि मॉडल टाउन जैसी पुरानी कॉलोनियों में चल रही शॉपिंग मॉल जैसी गतिविधियों को कानूनी रूप में नियमित करवा जा सके।
नगर निगमों को मिलेंगे 700 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय वित्त आयोग तथा राज्य वित्त आयोग की तरफ से नगर निगमों को तिसरी तिमाही का लगभग 600-700 करोड़ रुपए आवंटित किए जाने हैं। मेयर अपने क्षेत्र के विकास कार्यों का अनुमान तैयार करें और शीघ्र ही इसे सरकार को भिजवाएं। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अभी हाल ही में सरकार द्वारा 404 कॉलोनियां नियमित की। जिनमें से 151 कॉलोनियां नगर निगमों के अंतर्गत आती हैं।
निगमों को लौटाने होंगे 4 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों का दायरा बढ़ने से कई गांव इसमें शामिल हुए हैं तथा इन गांवों में लाल डोरे के दायरे से बाहर कईं कॉलोनियां बन गई हैं, जिसमें कृषि भूमि भी शामिल है और इस पर नगर निगमों द्वारा लगभग 4 करोड़ रुपए का सम्पति कर लगाया है, जिसे लौटाना होगा। क्योंकि कृषि भूमि पर किसी प्रकार का सम्पति कर नहीं लगाया जा सकता। सरकार द्वारा इन कॉलोनियों का सर्वे करवाया जाएगा, ताकि वहां की संपत्तियों का भी क्रय व विक्रय हो सके।