नवीन जयहिंद की कोर्ट में पेशी:SYL पर बोले- हरियाणा का पानी पाकिस्तान में जा रहा, चढूनी अपना इलाज करवाएं, वह संविधान विरोधी
नवीन जयहिंद ने भारतीय किसान यूनियन चढूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर तीखा हमला बोला। चढूनी को हरियाणा व संविधान विरोधी बताते हुए कहा कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे। साथ ही जयहिंद ने नसीहत दी कि चढूनी अपना इलाज करवा लें। मैं तो उन्हें समझदार समझता था, लेकिन वे पता नहीं कैसी-कैसी बात करते हैं।
रोहतक कोर्ट में नवीन जयहिंद की पीजीआई मारपीट मामले व पहरावर जमीन पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाने के मामले में मंगलवार को पेशी हुई। इस केस में अब 22 जनवरी की तारीख मिली है। जयहिंद ने कहा कि पीजीआई में हरियाणा के युवाओं को नौकरी नहीं दी जा रही थी और बाहर के युवाओं को नौकरी दी जा रही थी।
हरियाणा के युवाओं की लड़ाई लड़ने के लिए वे पीजीआई में गए थे। गलती तो कोई की नहीं हैं, लेकिन कोर्ट केस है तो वे तारीख भुगत रहे हैं, लेकिन लोगों के हकों की लड़ाई जारी रखेंगे।
कानून की रखवाली नहीं कर सकते तो सरकार की दलाली ना करें
गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा बयान दिया गया था कि एसवाईएल का कोई मुद्दा नहीं हैं। इस पर नवीन जयहिंद ने कहा कि जितने भी एसवाईएल विरोधी हैं उन सभी को एक बात कहना चाहूंगा कि तुम कानून की रखवाली नहीं कर सकते तो सरकारों की दलाली ना करें। चढूनी अब कौन से वैज्ञानिक बन गए कि समुद्र में जा रहे पानी को रोकने की बात करते हैं, हरियाणा का कौन सा पानी समुद्र में जा रहा है।
पंजाब के लोग पानी देना चाहते हैं, लेकिन राजनेता नहीं
जयहिंद ने कहा कि चढूनी कहां के किसान नेता है, वे किसानों के साथ धोखेबाजी कर रहे हैं। एसवाईएल नहर नहीं बनने के कारण हरियाणा के हक का पानी पाकिस्तान में जा रहा है। जो एसवाईएल विरोधी हैं, वे पाकिस्तान जाकर रहें। अब पंजाब हरियाणा के भाईचारे की बात की जाती है, अगर पानी नहीं देगा तो वह किस चीज का भाईचारा है। सभी में बंटवारा होता है।
भाई-भाई का क्या बंटवारा नहीं होता। पंजाब के लोग चाहते हैं कि हरियाणा को पानी मिले, लेकिन पंजाब के राजनेता नहीं चाहते कि एसवाईएल का पानी हरियाणा को मिले। गुरनाम चढूनी को चुनाव लड़ने होंगे, चुनाव लड़ें, लेकिन बात न्याय की व निष्पक्ष करें।
चढूनी हरियाणा व संविधान विरोधी
नवीन जयहिंद ने कहा कि जो एसवाईएल का विरोध कर रहा है, वह संविधान विरोध है। साथ ही जनता के विरोधी व हरियाणा के गद्दार हैं। उन्होंने गुरनाम चढूनी को हरियाणा विरोधी व संविधान विरोध भी बताया। पीने का पानी नहीं होने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। चढूनी के पास मिनरल वाटर होगा, लेकिन हरियाणा की 60 प्रतिशत जनसंख्या के पासी पीने का शुद्ध पानी नहीं हैं।