
बिहार के CM नीतीश कुमार ने महिलाओं पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर बुधवार सुबह माफी मांग ली। बयान देने के दूसरे दिन उन्होंने विधानसभा के बाहर और सदन में कई बार हाथ जोड़कर खेद प्रकट किया।
नीतीश ने कहा, ‘मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगता हूं। मैं अपनी खुद निंदा करता हूं. मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। मेरा मकसद सिर्फ शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था।’
‘मैं माफी मांगता हूं। मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं, अगर मेरी कोई बात कहना गलत था, मेरी किसी बात से दुख पहुंचा है तो माफी मांगता हूं। अगर मेरे बयान की कोई निंदा कर रहा है, तो हम माफी मांगते हैं। अगर इसके बाद भी कोई मेरी निंदा करता है तो मैं उसका अभिनंदन करता हूं।’
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ऐसी बात उनके (नीतीश कुमार) मुंह से गलती से निकल गई। उन्होंने माफी भी मांगी है। सदन चलते रहने देना चाहिए। मुख्यमंत्री को अपनी बात का पछतावा है।
विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने उठाई कुर्सियां
बिहार में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। नीतीश विधानसभा पहुंचे तो बाहर बीजेपी विधायक नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने मीडिया के सामने अपने जनसंख्या नियंत्रण वाले बयान पर माफी मांग ली। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। अंदर भी बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। वो उनके इस्तीफे की मांग पर अड़े थे।
नीतीश कुमार ने सदन के अंदर अपनी बात रखी फिर माफी मांगी। इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सदन में कुर्सियां उठा लीं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इनके नाम नोट करो। कार्रवाई होगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
जनसंख्या नियंत्रण पर दिए बयान को हम लिख नहीं सकते
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में मंगलवार को पेश जातीय-आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट पर हुई बहस के बाद मुख्यमंत्री जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा था कि महिला शिक्षित होगी, तो गारंटेड प्रजनन दर कम होगी। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने पति और पत्नी के संबंध और प्रजनन प्रक्रिया का भी जिक्र किया। दरअसल, उनके कहने का मतलब यह था कि पढ़ी-लिखी पत्नी गर्भधारण के अवसरों से बचती है। इसलिए जन्मदर कम हुई है। हालांकि उन्होंने जो बोला, वह शब्दश: यहां लिखा नहीं जा सकता।
बयान पर विधान परिषद में बैठीं BJP की महिला सदस्य निवेदिता सिंह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि आज वो शर्मसार हो गईं। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा था।
CM ने अपने बयान के तर्क में यह बात कही थी
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपने तर्क देते हुए कई आंकड़े बताए। उन्होंने कहा कि राज्य में 6 वर्ष से छोटे बच्चों की संख्या 2011 में 18.46% थी, जो घटकर 13. 6% रह गई है। बिहार में पिछले साल प्रजनन दर 2.9% पर पहुंच गई है, जो पहले 4.3% हुआ करती थी। जनसंख्या नियंत्रण में बड़ी भूमिका बालिका शिक्षा की है। यही कारण है कि राज्य में बालिकाओं की शिक्षा पर हमने जोर दिया।
भाजपा ने कहा- पूरा बिहार शर्मसार हुआ
बिहार विधानसभा में मंगलवार को CM नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी कहीं, जिसे हम यहां लिख नहीं सकते। इन्हीं बातों पर भाजपा और कांग्रेस की महिला विधायकों ने नाराजगी जताई, तो डिप्टी CM ने कहा- मुख्यमंत्री की बातों को सेक्स एजुकेशन के तौर पर लेना चाहिए।
बयान पर विधान परिषद में बैठीं BJP की महिला सदस्य निवेदिता सिंह फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि आज वो शर्मसार हो गईं। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने बयान की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से माफी मांगने को कहा है।
नीतीश बाबू के दिमाग में एडल्ट फिल्मों का कीड़ा:जनसंख्या नियंत्रण वाले बयान पर BJP ने मुख्यमंत्री का मांगा इस्तीफा; बोले-नहीं दें तो बर्खास्त करो
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंगलवार को सदन में जनसंख्या नियंत्रण पर दिए बयान को लेकर BJP हमलावर है। डिप्टी CM इसे सेक्स एजुकेशन की जानकारी बता रहे हैं, तो BJP मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रही है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा है कि उनका बयान गली के लफंगों जैसा है। तत्काल इस्तीफा देना चाहिए, ना दें तो बर्खास्त करना चाहिए। BJP प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि उन्हें कोई गलत दवाएं दे रहा है।
दरभंगा के सांसद ने भी उनके इस्तीफे की मांग की है। इधर, बिहार BJP ने ट्विटर पर लिखा है कि भारत की राजनीति में नीतीश बाबू जैसा अश्लील नेता देखा नहीं होगा।