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मानहानि केस में राहुल गांधी 16 दिसंबर को तलब:सुल्तानपुर की MP/MLA कोर्ट का फैसला; 5 साल पहले अमित शाह के खिलाफ दिया था आपत्तिजनक बयान

राहुल के खिलाफ सुल्तानपुर में भाजपा नेता ने मानहानि का मामला 5 साल पहले यानी 2018 में दर्ज कराया था। -फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
राहुल के खिलाफ सुल्तानपुर में भाजपा नेता ने मानहानि का मामला 5 साल पहले यानी 2018 में दर्ज कराया था। -फाइल फोटो

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सोमवार को सुल्तानपुर की MP-MLA कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने 16 दिसंबर को राहुल गांधी को पेश होने का आदेश दिया है।

राहुल के खिलाफ यह मामला 5 साल पहले गुजरात में अमित शाह के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है। केस 4 अगस्त, 2018 को दायर हुआ था। इसे तब के सुल्तानपुर में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्र ने दायर किया था।

मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव की कोर्ट ने 18 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

राहुल का वह बयान, जिस पर मानहानि का केस
इस मामले में वादी यानी विजय मिश्र के वकील संतोष पांडेय ने दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंने बताया, “8 मई 2018 को बेंगलुरु में कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा था, “भाजपा जो कि ईमानदारी व स्वच्छता की राजनीति का दावा करती है। उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हत्या का आराेपी है।”

2018 में जब राहुल गांधी ने अमित शाह के खिलाफ बयान दिया था, उस वक्त शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
2018 में जब राहुल गांधी ने अमित शाह के खिलाफ बयान दिया था, उस वक्त शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

याचिकाकर्ता विजय बोले- राहुल के बयान से भावनाएं आहत हुईं
इस मामले में याचिकाकर्ता विजय मिश्र ने कहा कि राहुल के बयान से उनकी भावनाएं आहत हुईं। क्योंकि, वे खुद भाजपा से जुड़े हुए थे। उनकी भी समाज में मानहानि हुई है। इसलिए, उन्होंने कोर्ट में इस मामले को लेकर केस दायर किया था।

इसमें विजय मिश्र ने रामचंद्र और अनिल मिश्र को बतौर गवाह पेश किया था। विजय मिश्र ने सबूत के तौर पर यूट्यूब और अन्य वेबसाइट्स पर चले राहुल के बयान को पेश किया था। उन्होंने वकील के माध्यम से कोर्ट में कहा था कि गवाहों के बयान और अन्य सबूत से राहुल को आरोपी के रूप में तलब करने के पर्याप्त सबूत हैं।

राहुल के खिलाफ दो धाराएं, दो साल की सजा का प्रावधान
राहुल गांधी मामले में धारा 499 और 500 में केस है। धारा 499 के मुताबिक, किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसकी मानहानि करना। वहीं, धारा 500 में मानहानि के लिए दंड का प्रावधान है। इस मामले में दो साल तक की जेल हो सकती है।

अगर कोर्ट ने तलब किया तो फिर आगे क्या?
वकील संतोष पांडेय के मुताबिक, अब राहुल गांधी की तरफ से वकील कोर्ट के सामने अपने पॉइंट रखेगा। अगर कोर्ट कन्विंन्स हुआ, तो वह राहुल को तलब होने से राहत दे सकता है। यानी, फिर इस मामले में वादी और प्रतिवादी दोनों होंगे।

मोदी सरनेम पर 2 साल की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
राहुल गांधी के मोदी सरनेम को लेकर दिए बयान पर गुजरात की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने राहुल को अधिकतम दो साल की सजा दी थी। जिसके चलते उनकी सांसदी चली गई थी। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राहुल गांधी की सांसदी फिर से बहाल हुई थी।


राहुल बोले- मुझ पर 24 केस, मेरी छाती पर मेडल जैसे: मोदी के रिमोट में ED और CBI वाला बटन, इसे देखते ही KCR बैठ जाते

राहुल गांधी ने रविवार को तेलंगाना चुनावी रैली के दौरान कहा कि बीजेपी ने मुझ पर 24 केस लगाए हैं। वो मेरी छाती पर मेडल हैं। पीएम मोदी ने देश में हिंसा और नफरत फैला रखी है। नफरत से देश कमजोर होता है। हमें नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है।

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