विजय मिश्रा बोलता था, नाचने-गाने वाली मेरा क्या बिगाड़ लेगी:रेप विक्टिम बोली- 15 साल की सजा कम, उसकी पूरी जिंदगी जेल में कटे
‘कोई लड़की अपना करियर बनाने या काम के सिलसिले में निकलती है, तो लोग उसे अपनी प्राइवेट प्रॉपर्टी समझ लेते हैं। मुझे याद है कि मेरा रेप करने के बाद विजय मिश्रा ने कहा था कि तू नाचने-गाने वाली, क्या बिगाड़ लेगी मेरा।’
ये बोलते हुए रेप सर्वाइवर का चेहरा गुस्से में लाल हो जाता है। समाजवादी पार्टी के नेता और 4 बार विधायक रहे विजय मिश्रा को भदोही डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 15 साल कैद की सजा सुनाई है। विजय मिश्रा का बेटा विष्णु मिश्रा और रिश्तेदार विकास मिश्रा भी रेप केस में आरोपी थे, कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है।
कोर्ट में सजा सुनाने की बारी आई, तो विजय मिश्रा अपनी 70 साल की उम्र, शुगर, बीपी, किडनी की बीमारी का हवाला देकर कम सजा की गुहार लगाता रहा। कोर्ट ने उसकी गुहार नहीं सुनी, तो समाजसेवा के बहाने रहम की भीख मांगी। कोर्ट ने कहा, ‘जनप्रतिनिधि होने के बावजूद ऐसा क्राइम जनता से धोखा है, सख्त सजा मिलने पर ही समाज में सही मैसेज जाएगा।’
हालांकि, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले से रेप पीड़िता खुश नहीं है। उनका कहना है, ‘विजय मिश्रा को उम्रकैद की सजा मिलनी थी। उसका बेटा विष्णु और रिश्तेदार विकास मिश्रा भी दोषी है। दोनों को सजा दिलाने के लिए हम हाईकोर्ट जाएंगे।’
धनापुर गांव में ऑर्केस्टा का प्रोग्राम था, वहीं विजय मिश्रा ने सिंगर से रेप किया
विजय मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज कराने के बाद रेप पीड़िता कभी मीडिया के सामने नहीं आईं। मुंबई के प्रोड्यूसर बाबुलनाथ दुबे ने उनसे हमारी मुलाकात कराई। इसके लिए वाराणसी बुलाया। शाम के करीब 7 बजे थे, हम एक होटल में रेप पीड़िता से मिलने पहुंचे।
बातचीत शुरू हुई तो उन्होंने पूरी घटना बताई। मामला समझने में आसानी हो, इसलिए हमने रेप पीड़िता का एक काल्पनिक नाम रेखा दिया है।
अपने साथ हुई घटना के बारे में रेखा बताती हैं, ‘2014 का लोकसभा इलेक्शन था। भदोही सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विजय मिश्रा की बेटी सीमा मिश्रा चुनाव लड़ रही थी। प्रचार का जिम्मा विजय मिश्रा ने संभाला था। दिनभर प्रचार के बाद वो धनापुर गांव के हाते में लौटता था।’
‘एक रात धनापुर गांव में ऑर्केस्टा का प्रोग्राम था। मैं प्रोफेशनल सिंगर थी, तो ऑर्केस्टा वालों ने मुझे बुलाया था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद मैं स्टेज के पीछे बने एक कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई। कुछ देर में किसी ने गेट खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला तो सामने विजय मिश्रा खड़ा था। उसने मेरे साथ वहीं जबरदस्ती की।’
रेखा कहती हैं, ‘जो हुआ, मैंने उसकी कल्पना भी नहीं की थी। मैं कुछ देर तक बैठी रही। बाहर आई, तो विजय मिश्रा ने अपने बेटे विष्णु और विकास से कहा कि मुझे वाराणसी छोड़ दें। विष्णु ने मुझे सामने बने कमरे में बैठने को कहा। मैं अंदर चली गई।’
‘कुछ देर बाद विष्णु और विकास कमरे में आए और दोनों ने मेरे साथ रेप किया। इतना ही नहीं, मुझे वाराणसी छोड़ने जा रहे थे, तब रास्ते में गाड़ी में भी रेप किया। फिर वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया। वहां से मैं अपने घर चली गई।’
‘तब विजय मिश्रा का इलाके में बहुत रुतबा था। उसका इतना डर था कि कोई उसके खिलाफ कुछ नहीं बोलता था। विजय मिश्रा बाहुबली विधायक के साथ माफिया था। उसने मेरे साथ रेप किया, तो कमरे में रखे हथियार दिखाते हुए धमकाया। मैं काफी डर गई थी।’
घरवालों को बताती, तो विजय मिश्रा उन्हें नुकसान पहुंचा सकता था
रेखा बताती हैं, ‘मेरे परिवार में मां-बाप और एक छोटा भाई है। अगर मैं घर में किसी को बताती, तो सभी परेशान हो जाते। ये भी हो सकता था कि विजय मिश्रा मेरे घरवालों को नुकसान पहुंचाता, यही वजह थी कि मैं चुप रही, लेकिन विजय मिश्रा यहीं नहीं रुका। उसने 2015 में मुझे कॉल कर इलाहाबाद, यानी प्रयागराज बुलाया।’
‘विजय मिश्रा ने मुझे डॉक्यूमेंट लेकर प्रयागराज आने को कहा था। मैंने सोचा कि इसकी शिकायत करके बदनामी मोल लेने से अच्छा है कि उससे बातचीत कर कहीं नौकरी लगवा लूं। इसीलिए मैं प्रयागराज चली गई, लेकिन उसके मन में चोर था। उसने वहां भी धमकाकर रेप किया। मैं फिर चुप रही, लेकिन एक बार फिर उसी साल उसने वाराणसी के होटल में मुझे बुलाया और रेप किया।’
रेखा ने आगे बताया, ‘उसकी हरकतें बढ़ने लगीं, तो मैं बहुत डिस्टर्ब हो गई। 2016 में मुंबई चली गई। वहां मेरे कुछ दोस्त बने, तो मैंने विजय मिश्रा की हरकतों का जिक्र किया। दोस्तों ने FIR कराने की सलाह दी। मैंने उन्हें बताया कि ऐसा नहीं कर सकती क्योंकि वो बहुत ताकतवर है। मुझे और मेरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।’
‘मेरे दोस्त नहीं माने, उसी में बाबुल दुबे और कुछ दोस्तों ने मेरा साथ दिया। मुझे भी फिर हौसला मिला। मैंने 18 अक्टूबर, 2020 को केस दर्ज कराया। लोकल पुलिस ने मेरा साथ दिया। केस कोर्ट में पहुंचा और आखिरकार उसे 15 साल की सजा मिल गई।’
काम मिलना बंद हो गया, रेखा के छोटे भाई और दोस्तों पर FIR करा दीं
रेखा बताती हैं, ‘मुझे गाने का शौक था। 7-8 साल की थी, तभी से गाना गाने लगी थी। लोग भजन गाने के लिए बुलाने लगे थे। थोड़े लोग जानने लगे, तो फिर ऑर्केस्ट्रा वाले बुलाने लगे। इसके बाद मैंने ऑर्केस्टा में काम करना शुरू किया। मेरे परिवार ने तो कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन रिश्तेदार और मोहल्ले वालों ने दूरी बनानी शुरू कर दीं। लोगों के मन में था कि नाचने-गाने वाली है।’
‘मैंने किसी की बात नहीं सुनी और अपने काम में बिजी रही। 2014 में मेरे साथ रेप हुआ, तो मैंने किसी को नहीं बताया। मैं घर आने के बाद पूरी रात यही सोचती रही कि अगर किसी को पता चला तो मेरे घरवालों का जीना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए मुंह बंद रखना ही सही समझा।’
रेखा ने बताया, ‘मुंबई में 3 हजार रुपए में एक चॉल में रहती थी। कभी-कभार भूखे पेट सोना पड़ता था। फिर धीरे-धीरे काम मिलने लगा, तो जिंदगी चल पड़ी। कुछ दोस्त भी मिले, जिनके मोटिवेशन से मैं विजय मिश्रा के खिलाफ खड़ी हो सकी।’
अपनी लड़ाई के बारे में रेखा बताती हैं, ‘आप यकीन नहीं करेंगे, जब FIR हुई तो सबको पता चल गया। मोहल्ले के लोगों ने हमारे घर आना-जाना बंद कर दिया। विजय मिश्रा की तरफ से धमकी भरे कॉल आने लगे। मैं काफी परेशान थी, लेकिन किसी तरह खुद को संभाले रखा।’
मुंबई में FIR कराने के बाद दबाव बनाने की कोशिश, सुलह के लिए रुपए का ऑफर
रेखा बताती हैं, ‘ऐसा मत सोचिए कि विजय मिश्रा सिर्फ भदोही तक सिमटा था। उसके कनेक्शन दूसरे प्रदेशों तक भी हैं। उसने भदोही में बैठे-बैठे मेरे छोटे भाई और मदद करने वाले दोस्तों के खिलाफ मुंबई के मलाड थाने में FIR करा दी। वो केस अभी चल रहा है। विजय मिश्रा चाहता था कि हम दबाव में आ जाएं और केस बंद करा दें।’
आगे हमारी बातचीत बाबुलनाथ दुबे से हुई, जिन्होंने रेखा की मदद की थी। बाबुलनाथ कहते हैं, ‘हमने ये लड़ाई शुरू की, तो मेरे ऊपर पॉक्सो एक्ट में मुंबई में केस दर्ज करा दिया गया। फिर भी हम अपना काम करते रहे। रुपए का भी ऑफर आया, लेकिन मैं झुका नहीं। यूपी सरकार और पुलिस का भी सपोर्ट मिला। उन्होंने रेखा के दर्द को समझा, जिसके बाद उन्हें न्याय मिल सका।’
विजय मिश्रा के खिलाफ रेखा का बयान, अश्लील चैट और वीडियो बने अहम सबूत
रेप के 6 साल बाद FIR दर्ज हुई, फिर रेखा के वकील ने कोर्ट में ऐसे कौन से सबूत रखे कि विजय मिश्रा को 15 साल जेल की सजा मिली। कोर्ट के फैसले की कानूनी बारीकियों को समझने के लिए हम भदोही डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे। हम रेखा के वकील तेज बहादुर यादव से मिले। तेज बहादुर ने हमें 3 सबूतों के बारे में बताया, जो कोर्ट ने अहम माने…
- रेखा का मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान तेज बहादुर ने बताया कि रेखा ने जो बयान दिया था, वो उस पर कायम रही। कोर्ट में बहस के दौरान भी उसने वही बयान दिया, जो पहले मजिस्ट्रेट के सामने दिया था। कोर्ट ने रेखा के बयान पर यकीन किया। घटना के वक्त FIR क्यों नहीं कराई। इस सवाल पर रेखा ने कोर्ट में उन परिस्थितियों के बारे में बताया कि वो बहुत डरी हुई थी, उसकी जान को खतरा था।
- अश्लील वॉट्सऐप चैट और वीडियो तेज बहादुर ने बताया, ‘रेखा से विजय मिश्रा वॉट्सऐप पर अश्लील चैटिंग करता था और वीडियो कॉल भी किया था। वीडियो कॉल पर अश्लील बातचीत और चैटिंग सेकेंडरी एविडेंस बने। कोर्ट ने उन्हें सही पाया। पुलिस की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई।’
- मकान मालिक ने घटना की पुष्टि की धनापुर गांव में जिस जगह पर ऑर्केस्टा हुआ था, उस घर में विजय मिश्रा रहता था, लेकिन मालिक कोई और था। वकील तेज बहादुर ने बताया, ‘मकान मालिक कृष्ण मोहन तिवारी और उनके बेटे सूर्यकमल तिवारी ने इस मामले में गवाही दी कि रेखा जिस कमरे में थी, उसमें विजय मिश्रा को जाते हुए देखा था। जब रेखा कमरे से बाहर निकलीं, तो वो परेशान थीं। कोर्ट ने इन गवाहियों पर यकीन किया।’
रेखा के वकील से केस को समझने के बाद हम विजय मिश्रा के वकील से बात करने पहुंचे। एडवोकेट हंसाराम शुक्ला विजय मिश्रा के ज्यादातर केस देखते हैं। हालांकि, हंसाराम कैमरे पर बात करने के लिए तैयार नहीं हुए, लेकिन कोर्ट में उन्होंने क्या तर्क दिए थे, वो सब कुछ बताया।
रेखा ने रेप की तारीख FIR में नहीं दी
हंसाराम ने कहा- रेखा ने FIR में घटना की तारीख क्यों नहीं लिखवाई। ये ऐसी घटना है, जिसे कोई भी नहीं भूल सकता। ऐसे में रेखा की FIR ही झूठी साबित होती दिख रही है।कोर्ट का तर्कः FIR लेट होने से घटना को नकारा नहीं जा सकता। रेखा ने अपने बयान में बताया है कि आरोपी 4 बार विधायक रहा है। वो बाहुबली और ताकतवर व्यक्ति है। उससे रेखा और उनके परिवार की जान को खतरा था, जिस वजह से घटना के समय FIR दर्ज नहीं कराई थी। रेखा को पता चला कि विजय मिश्रा जेल चला गया, तब उसने FIR कराई।
रेखा साफ चरित्र की महिला नहीं है
विजय मिश्रा की तरफ से दूसरे वकील ताराचंद गुप्ता कोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने तर्क दिया कि रेखा ने कई बार बैंकॉक और थाईलैंड की यात्रा की है। बैंकॉक की 75% आबादी सेक्स वर्कर है, जिससे जाहिर होता है कि रेखा साफ चरित्र की महिला नहीं है।कोर्ट का तर्कः बैंकॉक और थाईलैंड की यात्रा से ये तय नहीं होता कि रेखा सेक्स वर्कर है। जिस तरह कोई भी व्यक्ति विदेश जा सकता है, उसी तरह रेखा भी ऐसा कर सकती है। थाईलैंड और बैंकॉक जाने से रेखा सेक्स वर्कर हो गई, ये तर्क समाज की पितृसत्तात्मक सोच को दिखाता है और नारी की गरिमा के विरुद्ध है।
रेखा के बयान पर विजय मिश्रा को सजा, फिर बेटे और रिश्तेदार को क्यों छोड़ा
विजय मिश्रा को रेखा के बयान के आधार पर सजा मिली, लेकिन उसी बयान पर विजय मिश्रा के बेटे विष्णु और रिश्तेदार विकास को क्यों बरी कर दिया गया। इसके जवाब के लिए हमने कोर्ट के फैसले को पढ़ा, जिसमें विजय मिश्रा के वकीलों ने कई तर्क दिए थे।विष्णु और विकास को फंसाने के लिए FIR में नाम डाला
विजय मिश्रा के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि विष्णु और विकास का नाम फंसाने के इरादे से डाला गया है। वकीलों ने कहा, एक चौथाई FIR लिखे जाने के बाद विष्णु और विकास का नाम आया, जिससे लगता है कि दोनों को फंसाने के लिए नाम लिखा गया है।कोर्ट का तर्कः ‘रेखा का बयान विष्णु और विकास के मामले में भरोसेमंद नहीं है। अब सवाल उठेगा कि आखिर जो बयान विजय मिश्रा के मामले में विश्वसनीय है, वो इन दोनों के मामले में क्यों नहीं है।’ कोर्ट ने लैटिन भाषा के एक मुहावरे Falsus in uno, falsus in Omnibus का जिक्र किया कि यदि साक्षी का एक बयान झूठा है तो दूसरा बयान भी झूठा होगा, ये सिद्धांत भारत में मान्य नहीं है।
उम्र और बीमारी बताकर मांगी कम सजा
विजय मिश्रा ने अपने वकीलों के जरिए कहा, ‘मैं 70 साल का हूं, हाई बीपी, शुगर और किडनी में इन्फेक्शन है। 3 साल से जेल में हूं, जहां से दिल्ली एम्स इलाज के लिए ले जाया जाता है, इसलिए मुझे कम सजा दी जाए।’विजय मिश्रा ने विधायक रहते हुए कराए गए कामों के आधार पर भी कोर्ट से रहम करने की मांग की। विजय ने कहा, ‘मैं 20 साल तक विधायक रहा, इस दौरान स्कूल और कॉलेज खुलवाए। कई लड़कियों की शादी कराई, गरीबों की मदद की, जनता के लिए सरकार की योजनाओं को लागू कराया, भदोही में कई पक्की सड़कें बनवाईं, जिसका लोगों को फायदा हो रहा है। मेरे कामों को देखते हुए कम सजा दी जाए।’
कोर्ट की टिप्पणीः रेप समाज और मानवीय गरिमा के खिलाफ ऐसा कृत्य है, जिसमें मनुष्य गिरकर पशु जैसा हो जाता है। विजय मिश्रा ने जनप्रतिनिधि रहते हुए रेप जैसा घिनौना कृत्य किया। जिस व्यक्ति को जनता अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा या लोकसभा भेजती है, उसने ही एक महिला से रेप किया। ये आम जनता से विश्वासघात है। ऐसे अपराधी को सजा मिलनी जरूरी है, इससे समाज में एक मैसेज जाएगा, तभी न्याय का उद्देश्य सफल होगा।
MP/MLA कोर्ट के जज सुबोध सिंह ने धारा 376 (2)(N) में 15 साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही धारा 506 में 2 साल की सजा और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।