हिसार में बेटी को मारने के बाद छोड़ा सुसाइड नोट:5 नियम लिखे, पछताओ मत; मां से कहा था- ऑफिस में दिमाग खराब होता है
हिसार स्थित लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज (लुवास) के साइंटिस्ट डॉ. संदीप कुमार गोयल ने रविवार शाम अपनी 8 साल की बेटी शनाया की सर्जिकल ब्लेड से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद संदीप ने भी सुसाइड कर लिया। संदीप वेटरनरी सर्जरी रेडियोलॉजी ऑफिस में तैनात था।
बाप-बेटी की लाशें ऑफिस में ही खून से लथपथ हालत में मिलीं। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिस पर 5 नियम लिखें हैं। पछताओ मत इत्यादि। पुलिस ने जांच के लिए नोट को कब्जे में ले लिया है।
संदीप गोयल मूलरूप से जींद जिले के नरवाना का रहने वाला था। संदीप पहले सेक्टर-15 में परिवार के साथ रहता था। कुछ महीने पहले ही वह एचएयू के ओल्ड कैंपस स्थित क्वार्टरमें शिफ्ट हुआ था।
मां बोली- पोती को स्कूटी पर लेकर गया
उसकी मां संतोष ने बताया कि वह अपने छोटे बेटे के साथ एमपी में रह रही थी। 20 दिन पहले ही वह पोती के जन्मदिन के लिए हिसार आई थी। 15 दिन पहले संदीप ने उसे बताया था कि ऑफिस में जाते ही उसका दिमाग खराब हो जाता है। इसके बाद सही चल रहा था। शाम 4 बजे वह दूसरी महिलाओं के साथ गली में बैठी थी। उस दौरान संदीप पोती को स्कूटी पर बैठकर चीज दिलाने की बात कहकर चला गया।
एक घंटे बाद संदीप की पत्नी नीतू ने कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। नीतू ने उसे बताया कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। इसके बाद उसने भी संदीप को कॉल की, लेकिन उसने उठाई नहीं। वे लोग उसे ढूंढते हुए ऑफिस पहुंच गए। अंदर जाकर वह संदीप को फोन मिलाती रही। एक कमरे से संदीप का फोन बजने की आवाज सुनाई दी। उस कमरे के बाहर संदीप का नाम भी लिखा था। कमरा अंदर से बंद था।
उसने गेट खटखटाया, लेकिन किसी ने नहीं खोला। इसके बाद उसने नीतू को फोन कर बुला लिया। आसपास के लोगों की मदद से दरवाजा खोला तो अंदर संदीप और शनाया के खून से लथपथ शव पड़े हुए थे।
संतोष ने बताया कि यह काला दिन देखना पड़ेगा, इससे अच्छा ताे मैं नहीं आती। घर में किसी से मनमुटाव व गृह क्लेश नहीं था।
साथी कर्मचारी बोले- डिप्रेशन में था
संदीप गोयल के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार, वह डिप्रेशन में चल रहे थे। ऐसा उन्होंने कई बार जिक्र किया था। वे अपना इलाज भी करवा रहे थे। इतना ही नहीं, इसे लेकर उन्होंने कई दफा डॉक्टर भी बदलते थे। बीच-बीच में उन्हें आत्महत्या के विचार भी आ रहे थे।
पड़ोसियों ने कहा- हंसता-खेलता परिवार बिखर गया
संदीप के पड़ोसियों के अनुसार, साइंटिस्ट का हंसमुख व शांत स्वभाव था। वह पूजा-पाठ भी करता था। रोज सुबह मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने जाता था। जब भी मिलते तो लगा नहीं कि जान लेने व जान देने जैसा कदम उठाएंगे।
एक पड़ोसी ने बताया कि दोपहर 2 बजे उनकी बेटी गली में खेल रही थी। इसके बाद उसके साथ हुई घटना सुनकर पत्नी भी रोने लगी। बच्ची से काफी लगाव था। कुछ दिन पहले वह 8 साल की हुई थी। पड़ोस में कार्यक्रम था, उसमें भी गोयल परिवार शामिल हुआ था। हंसता-खेलता परिवार बिखर गया।