INLD के प्रदेश अध्यक्ष बने रामपाल माजरा:अभय चौटाला ने पार्टी में वापसी कराई; 3 बार विधायक रहे, 2019 में छोड़ी थी इनेलो
संसदीय सचिव और 3 बार के विधायक रह चुके रामपाल माजरा की इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में वापसी हो गई। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ में माजरा के पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया। साथ ही उन्हें नफे सिंह राठी की मौत के बाद हरियाणा में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की भी घोषणा की गई।
रामपाल माजरा वर्ष 2019 में इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। कुछ ही समय बाद कृषि कानूनों को हवाला देते हुए उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया था।
अभय चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल और ओपी चौटाला के साथ काम करने वाले और इनेलो की स्थापना के वक्त से हमारे साथ रामपाल माजरा जुड़े रहे। पिछले कुछ हालातों की वजह से वे पार्टी छोड़कर गए थे। माजरा से जब भी बात हुई उन्होंने पार्टी को ऊंचाई पर जाने कि बात कही है।
आज हमें दोबारा से वे अपना आशीर्वाद देने आए हैं। पूर्व में मेरे उपचुनाव में भी इन्होंने मदद की थी। सभी ने बैठ कर विचार किया तो यह इच्छा थी कि माजरा को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। ओपी चौटाला ने भी इस बात का समर्थन किया। हम इनके नेतृत्व में मिलकर काम करेंगे।
कुरुक्षेत्र सीट से उम्मीदवार का रखा था प्रस्ताव
दरअसल, करीब 10 दिन पहले अभय चौटाला अचानक कैथल स्थित रामपाल माजरा के निवास पर पहुंचे थे। उन्होंने माजरा के सामने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इनेलो का प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था।अभय चौटाला के बाद ओमप्रकाश चौटाला ने उनसे बातचीत की, जिसे माजरा मना नहीं कर सके। इसके चलते अब वह घर वापसी करने जा रहे हैं।
माजरा ने सरपंची से शुरू किया राजनीतिक करियर
रामपाल माजरा ने अपना राजनीतिक सफर वर्ष 1978 में गांव माजरा नंदकरण की सरपंची से शुरू किया था। वह पहली बार वर्ष 1996 में विधायक बने। इस चुनाव में उन्होंने पाई विधानसभा से समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार नर सिंह को हराया। वर्ष 2000 में उन्होंने इनेलो की टिकट पर कांग्रेस के तेजेंद्र पाल मान को हराया था , लेकिन वर्ष 2005 के चुनाव में वह मान से हार गए।