सिरसा लोकसभा में कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेशाध्यक्ष में टक्कर:कुमारी सैजला ने 26 साल बाद सिरसा में की वापसी, तंवर से मिलेगी चुनौती
सिरसा लोकसभा में इस बार चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। सिरसा से कांग्रेस ने कुमारी सैलजा को और भाजपा ने डा. अशोक तंवर को टिकट दिया है। खास बात यह है कि दोनों ही प्रत्याशी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और दोनों ने ही कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। कुमारी सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। साल 1998 में हुए संसदीय चुनाव में डा. सुशील इंदौरा से पराजित होने के बाद सैलजा ने अंबाला का रुख कर लिया था। अब सैलजा की 26 साल बाद सिरसा में फिर से वापसी हो गई है। 1996 के बाद अब वह 2024 में सांसद का चुनाव सिरसा से लड़ रही हैं। वहीं सिरसा से भाजपा प्रत्याशी डा. अशोक तंवर ने 2009 के लोक सभा चुनाव सिरसा लोकसभा से चुनाव लड़ा था और यह सीट उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी INLD के डा. सीता राम को 35499 मतों के अंतर से हरा कर जीती थी। 2014 में डा. अशोक तंवर इस सीट पर इनेलो के चरणजीत सिंह रोड़ी से हार गए थे। 2019 में उनको भाजपा प्रत्याशी सुनीता दुग्गल ने हराया था।
सिरसा में हार के बाद अंबाला गई थी सैलजा
1998 में इनेलो के डा. सुशील इंदौरा ने कांग्रेस की कुमारी सैलजा को हराया था। इसके बाद सैलजा अंबाला में चली गईं। सैलजा ने अंबाला से 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव जीता। इसके बाद वह अंबाला में भाजपा के रतन लाल कटारिया से हार गई।
पिता रह चुके 4 बार सांसद
कुमारी सैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह दिग्गज राजनीतिक रहे हैं। वे चार बार सिरसा से सांसद रह चुके हैं। 1966 को हरियाणा के गठन के बाद 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार वह सिरसा लोकसभा से सांसद बने थे। इसके बाद 1971, 1980 और 1984 में भी सांसद बने।
सिरसा में कब कौन बना सांसद
चौधरी दलबीर सिंह- 1967, 1971, 1980 और 1984
चांदराम- 1977
हेतराम- 1988 और 1989
कुमारी सैलजा – 1991 और 1996
सुशील इंदौरा- 1998 और 1999
आत्मा सिंह गिल- 2004
अशोक तंवर- 2009
चरणजीत सिंह रोड़ी – 2014
सुनीता दुग्गल 2019