दहेज के लिए पत्नी पर जुल्म:शादी के 10 दिन बाद फौजी पति ने पीटा; बोला- कार न देकर नाक कटा दी
हरियाणा के हिसार में एक विवाहिता ने ससुराल जनों पर दहेज के प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि उसके फौजी पति को दहेज में कार चाहिए थी, लेकिन उसके पिता ने बाइक दे दी। शादी के 10 दिन बाद ही उसके साथ मारपीट शुरू कर दी गई। विवाहिता ने इसको लेकर सदर थाने में शिकायत दी है।
गांव बालावास की सुमन का आरोप है कि उसका पति रविंद्र सेना में सिपाही है। पिछले साल ही उसकी व उसकी बहन की शादी गांव भगाना में हुई थी। पिता ने हैसियत के अनुसार अच्छा दान-दहेज दिया। मगर शादी के 10 दिन बाद से ही उसे दहेज में कार की जगह प्लेटिना बाइक लाने के प्रताड़ित किया जाने लगा।
सुमन ने बताया कि हम दो बहनें सुमन और पूनम की शादी गांव भगाना के सुरेंद्र व रविंद्र से हुई थी। शादी में पिता कलीराम ने 16 लाख रुपए खर्च किए थे और घर से विदाई के समय 21 हजार रुपए शगुन, मुंह दिखाई के 5 हजार, सोने-चांदी के आभूषण दिए, जो हमने सास को दे दिए। लेकिन सास ने उसे हड़प लिया। पुलिस ने जब सुमन के आरोपों की जांच की तो सास और ससुर निर्दोष पाए गए, जबकि जांच में पति रविंद्र पर लगे आरोप सही पाए गए। पुलिस ने रविंद्र पर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
शादी के 10 दिन बाद ही झगड़ा किया
सुमन का कहना है कि उसके पति रविंद्र ने शादी के 10 दिन बाद शराब पीकर कहा मैं आर्मी में नौकरी करता हूं और दहेज में मुझे प्लेटिना बाइक दी है। कम से कम एक कार तो देनी चाहिए थी। मेरी समाज में नाक कटा दी और मुझे कहीं रिश्तेदारी में मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा। सुमन ने बताया कि मेरी बहन का पति सुरेंद्र जो मेरा जेठ लगता है वो गांव भगाणा में ही खेती बाड़ी का कार्य करता है। मेरी ससुरवाल वालों के पास 5 एकड़ कृषि भूमि है।
इसके अलावा गांव में जमीन ठेके पर लेकर भी जमीन को काश्त करते हैं और नौकरों की मदद से पशुपालन का काम भी करते हैं। जिसमें भैसो की खरीद फरोख्त के साथ-साथ उपलब्ध दूध भी बेच कर अच्छी आमदनी होती है। मगर दहेज के कारण दोनों बहनों को बार-बार प्रताड़ित किया गया। यहां तक की हमसे मारपीट की गई और कमरे में बंद कर दिया गया।
घरवालों ने आकर पुलिस की मदद से दरवाजा खोला
सुमन का कहना है कि रविंद्र ने मारपीट कर हम दोनों बहनों को कमरे में बंद कर हमारे फोन स्विच आफ कर दिए। हमारे घर वाले जब हमारे फोन बंद आने से परेशान होकर ससुराल आए तो उनको सच्चाई पता चली। इसके बाद पुलिस की मदद से दरवाजा खुलवाकर हम दोनों बहनों को कमरे से बाहर निकाला।
इसके बाद दोनों बहनों को करवा चौथ वाले दिन भी रविंद्र ने फोन किया ना उसके भाई ने। इससे वह समझ गए कि उनको शादी आगे नहीं चलानी और दहेज के लालच में ही उन्होंने शादी की थी।