रेवाड़ी में गिरा पत्थर का टुकड़ा:लोग बोले- उल्कापिंड, ग्रामीण बोले- आग की लपटें निकल रहीं थी, जलने के भी निशान

रेवाड़ी जिले के गांव घासेड़ा में आसमान से एक पत्थर गिरने की घटना से कोतूहल मचा हुआ है। गांव में ही खेतों की ओर जा रही एक महिला को यह पत्थर गिरता हुआ दिखाई दिया। माना जा रहा है कि यह किसी उल्का पिंड का टुकड़ा है।

रेवाड़ी के गांव घासेड़ा में आसमान से गिरे पत्थर को दिखाते हुए निर्मला देवी। - Dainik Bhaskar

पत्थर से निकल रही थी आग की लपटें

घासेड़ा गांव की रहने वाली निर्मला देवी अपने खेतों की ओर जा रही थी। शाम को करीब 7 बजे उन्हें आसमान से कोई चीज गिरती हुई दिखाई दी। एकदम तेज आवाज के साथ कोई चीज आकर नीचे जमीन पर गिरी। निर्मला देवी ने पास जाकर देखा, तो वहां एक पत्थर का टुकड़ा गिरा था, जिसमें से आग की लपटें निकल रही थी। उन्होंने कुछ अन्य ग्रामीणों को भी इसके बारे में जानकारी दी।

पत्थर को उठाकर घर पहुंची महिला

सभी ग्रामीण मौके पर एकत्रित हुए तथा पत्थर में से निकल रही आग की लपटों को शांत किया गया। निर्मला देवी पत्थर को अपने घर उठा लाई। जिस पर साफ तौर पर जलने के निशान भी देखे जा सकते हैं। आकाश में कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते हुए जो पिंड दिखाई देते हैं, उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में टूटता तारा कहते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से अधिक महत्व

उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता है, उसे उल्कापिंड कहते हैं। प्रत्येक रात को उल्काएं अनगिनत संख्या में देखी जा सकती हैं, लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इनका महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि एक तो ये अति दुर्लभ होते हैं, दूसरे आकाश में विचरते हुए विभिन्न ग्रहों इत्यादि के संगठन और संरचना के ज्ञान के प्रत्यक्ष स्रोत केवल ये ही पिंड हैं।

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