रिलेशनशिप- मॉर्निंग रूटीन दुरुस्त तो दिन गुजरेगा अच्छा:आंख खुलते ही न देखें मोबाइल, मॉर्निंग वॉक, योग, मेडिटेशन से दिन की शुरुआत
अगर आपसे पूछा जाए कि आपके दिन की शुरुआत कैसे होती है तो इसे लेकर सबके अलग-अलग जवाब होंगे। जैसे कुछ लोग कहेंगे कि वे अलार्म बंद करके एक झपकी और लेना पसंद करते हैं; किसी की आंख बेड-टी के साथ ही खुलती होगी; कोई सबसे पहले मोबाइल में टाइम और मैसेज चेक करता होगा या फिर मोबाइल हाथ लगते ही कोई खबरें या रील्स देखने में लग जाता होगा।
इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) के मुताबिक, 80% लोग जागने के 15 मिनट के भीतर अपना फोन चेक करते हैं, जबकि 62% लोग जागने के तुरंत बाद सबसे पहले फोन हाथ में लेते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि लोग अपना ज्यादातर समय फोन पर टेक्सटिंग, ईमेल और सोशल मीडिया चेक करने में बिताते हैं।
एक अच्छे दिन की शुरुआत अच्छी सुबह के साथ होती है। अच्छी सुबह की शुरुआत होती है अच्छी आदतों के साथ। अच्छी आदतें यानी एक अनुशासित जीवनशैली। इससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों अच्छा रहता है। लेकिन बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जो अपने दिन की शुरुआत अच्छी आदतों के साथ करते हैं।
तो आज ‘रिलेशनशिप’ कॉलम में बात करेंगे कि हमें कैसे अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
सुबह का समय पूरे दिन का सबसे महत्वपूर्ण वक्त होता है क्योंकि इस समय आप सबसे ज्यादा तरोताजा होते हैं। आप जो भी फैसले सुबह लेते हैं या उनके बारे में सोचते हैं, वह आपके दिमाग में बैठ जाता है और उन्हीं विचारों के साथ आपका पूरा दिन बीतता है।
अमेरिकी लेखक हेल एलरोड ने इस विषय पर एक किताब लिखी है- ‘द मॉर्निंग मिरेकल’। इस किताब में उन्होंने कई अच्छी आदतों के बारे में बताया है, जिसे यदि आप अपने मॉर्निंग रूटीन में शामिल करें तो यह आपकी जिंदगी बदल सकती हैं।
यह किताब सिखाती है कि कैसे हर दिन ज्यादा ऊर्जा, प्रेरणा और फोकस के साथ हमें सुबह जागें ताकि अपने जीवन को बेहतर बना सकें।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। हम अपने सुबह के समय को इतना व्यस्त बना लेते हैं कि किसी भी काम को अच्छी तरह से नहीं कर पाते और अपने दिमाग में एक तनाव भर लेते हैं।
खासकर महिलाओं के लिए सुबह का समय बहुत ही भागदौड़ भरा होता है। अधिकतर लोग सुबह उठने के बाद कोई खास रूटीन फॉलो नहीं कर पाते हैं। आप सुबह उठकर क्या करते हैं, इसका बहुत महत्व है। सुबह की अच्छी आदतें हमारे दिन को अच्छा बनाने के साथ शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। लेकिन आलस और नींद पूरी न होने की वजह से हम सुबह का सुनहरा समय गवां देते हैं।
कैसे डालें सुबह उठने की आदत
सुबह-सुबह उठना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसे आसान बनाया जा सकता है। सुबह की कुछ अच्छी आदतों के साथ हम अपने पूरे दिन को खुशियों से भर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी आदतों के बारे में, जिन्हें आप सुबह उठने के तुरंत बाद की दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
सबसे पहले मोबाइल से बनाएं दूरी
सुबह उठते ही सबसे पहले हम मोबाइल देखते हैं। मोबाइल में देखना कि किसका मैसेज आया है, किसने क्या लिखा है? किसने गुड मॉर्निंग किया है। इससे हमारा सुबह का समय खराब हो जाता है। साथ ही ये हमारी आंखों के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। लेकिन अगर हम थोड़ी देर के लिए मोबाइल से दूर रहते हैं तो अपने सभी काम अच्छे से कर पाएंगे।
सुबह-सुबह गुनगुना पानी पिएं
सुबह-सुबह खाली पेट अगर आप गुनगुना पानी पीते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इससे आपका पाचन भी सही रहता है।
एक्सरसाइज या व्यायाम को मॉर्निंग रूटीन में करें शामिल
एक्सरसाइज और योग करने से हमारा शरीर स्वस्थ्य रहता है। और अगर आपने इसे अपनी दिनचर्या में सुबह के वक्त शामिल कर लिया तो यह आपके लिए और भी ज्यादा फायदेमंद है।
इसके अलावा आप ध्यान भी लगा सकते हैं। मेडिटेशन हमारे मस्तिष्क के लिए बहुत फायदेमंद है। ध्यान लगाने के बाद आप अपने दोनों हाथों की हथेलियों को रगड़कर अहिस्ता से अपने चेहरे और आंखों पर लगाएं। यह आपकी आंखों और त्वचा, दोनों के लिए लाभकारी है।
सुबह के वक्त सकारात्मक विचार रखें
सुबह-सुबह हम मन में यह ठान लेते हैं कि आज हम जो भी सोचेंगे, सकारात्मक ही सोचेंगे। हम किसी पर गुस्सा नहीं करेंगे तो हमारा सारा दिन अच्छा निकलता है।
स्ट्रेचिंग करें, शरीर की जकड़न को दूर करें
सुबह-सुबह हमारे शरीर में जकड़न महसूस होती है। शरीर को जकड़न मुक्त कर मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए सुबह उठने के बाद 1 से 2 मिनट स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। इससे मसल्स को आराम पहुंचता है और रक्तसंचार सही रहता है। अगर शरीर में कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है तो बिस्तर से एकदम से न उठें। कुछ देर बैठें और फिर खड़ें हों।
अलार्म बंद कर दोबारा न सोएं
अक्सर लोग मोबाइल में अलार्म सेट कर लेते हैं। फिर सुबह उसे बंद करके दोबारा सो जाते हैं। यह दिनचर्या को अनियमित करता है। इससे बचने के लिए मोबाइल की बजाय अलार्म घड़ी का इस्तेमाल करना बेहतर है। अपनी अलार्म घड़ी को बिस्तर से दूर रखें क्योंकि आपको इसे बंद करने के लिए बिस्तर से उठना होगा और इस तरह आपकी आंख भी खुल जाएगी।