उकलाना में यूरिया के लिए किसानों की लाइन:कृषि अधिकारियों की देख-रेख में बांटना पड़ा खाद; गेहूं-सरसों की सिंचाई के बाद बढ़ी मांग
हरियाणा के हिसार में गेहूं की अगेती फसल में और सरसों की फसल में सिंचाई का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही फसल में यूरिया की डिमांड भी बढ़ गई है। किसान फसल की सिंचाई के साथ ही अच्छी पैदावार के लिए यूरिया खाद डालते हैं। अब यूरिया खाद लेने के लिए भी किसानों की भीड़ लगने लगी है।
उकलाना की नई अनाज मंडी स्थित हैफेड दुकान पर गुरुवार को यूरिया खाद पहुंचा था। किसानों को इसकी सूचना मिली तो काफी संख्या में किसान यूरिया खाद लेने के लिए पहुंच गए। यूरिया खाद का वितरण कृषि विभाग के अधिकारी डॉक्टर बलराज सिंह की देखरेख में कराया गया।
कृषि अधिकारी डॉ. बलराज सिंह ने कहा कि यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है। हर दूसरे तीसरे दिन यूरिया खाद नियमित तौर पर पहुंच रहा है। उकलाना क्षेत्र में काफी यूरिया खाद आ चुका है और काफी किसानों द्वारा यूरिया खाद ले जाया जा चुका है। उन्होंने किसानों से अपील की कि यूरिया खाद का स्टॉक ना करें। खाद की कोई कमी नहीं है। जरूरत के हिसाब से किसान यूरिया खाद लेकर जाएं ताकि सभी किसानों को समय पर खाद मिल सके।
उन्होंने कहा कि किसान गेहूं की फसल में ज्यादा यूरिया खाद का प्रयोग ना करें। ज्यादा यूरिया डालने से पैदावार में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होती बल्कि जमीन में इसका नुकसान होता है तथा ज्यादा यूरिया खाद डालकर तैयार की गयी गेहूं भी हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जा सकती। इसलिए किसान ध्यान रखें की फसल की अच्छी पैदावार के लिए जितनी यूरिया खाद की जरूरत हो उतना ही खाद का प्रयोग करें।