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खेदड़ में अज्ञात बीमारी से 45 पशु तोड़ चुके दम ग्रामीण बोले- अधिकारी देखने तक नहीं आते

भास्कर न्यूज | सुलखनी गांव खेदड़ में बीते 10 से 15 दिनों में 40 से 50 पशु अज्ञात बीमारी के कारण काल का ग्रास बन गए। ग्रामीणों को भी समझ में नहीं आ रहा आखिरकार यह बीमारी क्या है। पशुपालकों का आरोप है कि अभी तक पशुपालन विभाग की टीम को जानकारी होने के बाद भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इस पर पशुपालकों में रोष बना हुआ है।

 खेदड़ गांव में अज्ञात बीमारी से हुई मौत के बाद एक घर में मृत पड़ी भैंस।

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान रामकेश नैन ने बताया कि खेदड़ गांव में पशुओं में भयंकर महामारी आई हुई है। जबकि प्रशासन की तरफ से कोई सुध नहीं ली गई। ना ही किसी प्रकार की डॉक्टरों की टीम गांव में भेजी जा रही है। किसानों में कहा कि हम प्रशासन से यह मांग करते हैं कि जल्द से जल्द गांव में डॉक्टरों की टीम भेजी जाए और पशुओं का इलाज किया जाए

किसानों ने बताया कि पशुओं के मुंह में पहले छाले हो जाते हैं उसके बाद गला रुक जाता है पशु चारा खाना छोड़ देता है एक-दो दिन बाद अचानक से पशु की मौत हो जाती है। किसान नेता रामकृष्ण ने कहा कि है बड़ी मुस्किल से पशुओं को पाला जाता है। एक-एक पशु की कीमत 1 लाख से डेढ़ लाख 2 लाख तक की होती है। दूध देने वाली भैंस की जब अज्ञात बीमार से मौत हो जाती है तो दुख होना तो लाजमी है। अभी तक प्रशासन और पशुपालन विभाग कुंभकरण की नींद सोए हुए है। गांव में लगातार पशुओं की मौत से हम बहुत दुखी है और सरकार इसमें जल्दी से संज्ञान ले नही तो डीसी को इस मामले की कंप्लेंट कर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी की जाएगी।

 

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