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अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर धरने पर:प्रबंधन पर लगाए मनमानी वसूली के आरोप; खाने को लेकर भी उठाई आवाज

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अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मांगों का समाधान न होने पर राेष जताते हुए डॉक्टर। - Dainik Bhaskar
अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मांगों का समाधान न होने पर राेष जताते हुए डॉक्टर।

हरियाणा के हिसार में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में कई समस्याओं को लेकर बुधवार को जूनियर डॉक्टर डॉक्टर धरने पर बैठे गए। डॉक्टरों का आरोप है कि मेडिकल प्रशासन सुविधाओं के नाम पर उनसे अनाप-शनाप वसूली कर रहा है, जबकि उनको भोजन भी स्वच्छ नहीं मिल रहा। जब वे समस्या बताते हैं तो उनको धमकाया जाता है।

अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठे डॉक्टरों ने बताया कि वे मेडिकल कैंपस रहते हैं। उनके रूम का किराया जहां पहले 3500 रुपए था,अब 10 हज़ार कर दिया गया है। रूम में लगे एसी का बिल अब 3700 रुपए की बजाय उनसे 10 हज़ार रुपए वसूला जा रहा है। चाहे गर्मी हो सर्दी, उन्हें एसी का 10 हज़ार रुपए बिल पे करना ही पड़ेगा।

अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर।
अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर।

डॉक्टरों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बनी मेस में उन्हें अनहाइजीनिक खाना दिया जाता है। मेस में काम करने वाले कर्मी साफ सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते। बर्तनों- पतीलों आदि में कुत्ते, बिल्ली आदि बैठे रहते हैं। उन्हीं बर्तनों में बिना साफ किए खाना बना दिया जाता है।

डॉक्टरों के अनुसार जहां मेस में गंदगी की भरमार है। वहीं मेस के साथ में ही टॉयलेट बना है। जहां मेस में काम करने वाले कर्मी टॉयलेट आदि जाते हैं और बिना हाथ आदि धोए खाना बनाने का काम करते हैं। वे पांव से आटा गूंथते हैं। डॉक्टरों ने बताया कि खाने के नाम पर उनसे 3400 रुपए प्रति माह वसूला जाता है। चाहे वे खाना खाएं ना खाये।

डॉक्टर्स का आरोप है कि उनको जो भोजन दिया जा रहा है, उसको पकाने में स्वच्छता का कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
डॉक्टर्स का आरोप है कि उनको जो भोजन दिया जा रहा है, उसको पकाने में स्वच्छता का कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

डॉक्टरों ने कहा कि वे डाइट के हिसाब से पे करना चाहते हैं, परन्तु मेडिकल प्रशासन ने इसे नहीं माना। उन्हें पूरे महीने के खाने के पैसे देने पड़ रहे हैं। मांग पूरा होता न देख मेडिकल कालेज के जेआर डॉक्टर धरने पर बैठे हैं। उन्होंने अपनी समस्या मेडिकल प्रशासन निदेशक को लिखित में दी। उनकी मांगें मानने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरा नहीं होती वे धरने से नहीं उठेंगे।

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