हरियाणा के पूर्व मंत्री ने JJP छोड़ी:चुनाव की घोषणा होते ही इस्तीफा सामने आया; BJP का टिकट लेने की कोशिश में
हरियाणा के पूर्व श्रम मंत्री अनूप धानक ने आज जननायक जनता पार्टी (JJP) छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी के पदों और दायित्वों से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी खुद पूर्व मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर दी।
JJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला को भेजे पत्र में पूर्व मंत्री ने लिखा, ‘मैं अनूप धानक विधायक उकलाना आपसे अनुरोध करता हूं कि मैं निजी कारणों की वजह से जननायक जनता पार्टी के सभी पदों/दायित्वों से इस्तीफा देता हूं। कृपया मेरा इस्तीफा मंजूर किया जाए।’
कई दिनों से निष्क्रिय थे अनूप धानक
पूर्व मंत्री अनूप धानक JJP में निष्क्रिय थे। लोकसभा चुनाव कैंपेन के दौरान वह पूरी तरह दूरी बनाए हुए थे। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। सूत्र बताते हैं कि अब धानक 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट लेने के चक्कर में हैं। इसलिए, उन्होंने चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के साथ ही इस्तीफा सार्वजनिक कर दिया।
अनूप धानक मनोहर लाल खट्टर की 2.0 सरकार में JJP कोटे से मंत्री बने थे। अनूप ऐसे इकलौते विधायक थे, जब दुष्यंत के बाद उन्हें मंत्री पद मिला। अनूप धानक की नजदीकियां भाजपा से बढ़ने लगी थीं। भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने से वह खुश नहीं थे। गठबंधन टूटने के बाद से ही वह निष्क्रिय दिखाई दे रहे थे।
चौटाला परिवार के सबसे खास माने जाते हैं अनूप
अनूप धानक चौटाला परिवार के सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। इनेलो टूटने के बाद वह अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला के साथ आ गए और जजपा में रहे। इससे पहले वह इनेलो में थे। अनूप चौटाला अक्सर दुष्यंत और अजय चौटाला के साथ गिने जाते थे।
धानक ने उकलाना से 2 बार चुनाव जीता
अनूप धानक 2 बार उकलाना से विधायक चुने गए हैं। एक बार वह इनेलो से जीते और दूसरी बार उन्होंने जजपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ा और जीता। वह अबकी बार भी उकलाना से जजपा के उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पार्टी को छोड़ दिया।
अनूप धानक ने लगातार 2 बार भाजपा को हराया। 2019 में भाजपा की आशा खेदड़ को हराया और 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में उकलाना (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट से INLD से लड़ते हुए अनूप धानक ने 58 हजार 120 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। जबकि, दूसरे नंबर पर भाजपा के उम्मीदवार सीमा गेबीपुर रहे थे, जिन्हें 40 हजार 193 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था।
मुश्किल दौर में JJP
हरियाणा में इनेलो से अलग होकर बनी जननायक जनता पार्टी (JJP) इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है। 2019 में सत्ता की चाबी हाथ में लेकर चलने वाली JJP को हरियाणा के लोकसभा चुनाव में मुंह की खानी पड़ी और 10 की 10 लोकसभा सीटों पर न केवल हार हुई, बल्कि जमानत भी जब्त हो गई।
इतना ही नहीं, पार्टी हरियाणा की 90 विधानसभा में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई। JJP का वोट शेयर पूरे हरियाणा में 0.87 प्रतिशत रहा, जो BSP और इनेलो से भी कम है। पूरे हरियाणा में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यह हाल तब रहा जब हरियाणा में उप-मुख्यमंत्री पद जैसे कई बड़े विभाग JJP के पास थे।
JJP को 0.87 प्रतिशत वोट मिले
JJP को लोकसभा चुनाव में 0.87 प्रतिशत ही वोट मिल पाए। सबसे खराब स्थित सोनीपत, अंबाला, रोहतक, कुरुक्षेत्र और सोनीपत की रही। यहां JJP प्रत्याशी 10 हजार से ऊपर वोट नहीं ले पाए। सबसे कम फरीदाबाद में नलिन हुड्डा को 5361 वोट मिले।
वहीं, सबसे अधिक वोट हिसार में दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को मिले। नैना चौटाला को 22032 वोट मिले। इसके अलावा पार्टी तीसरे से लेकर पांचवें स्थान पर रही। वहीं, बसपा और इनेलो का प्रदर्शन जजपा से बेहतर रहा। हालांकि, बसपा और इनेलो की भी चुनाव में जमानत जब्त हुई।
देखिए, मंत्री के इस्तीफे की कॉपी…