1600 आईफोन लूटे फिर ऑनलाइन और चोर बाजार में बेचे:सागर में एपल कंपनी के कंटेनर में लूट के आरोपी हरियाणा में छिपे;200 सेट बरामद
हरियाणा में चुनाव हैं, इसीलिए लोकल पुलिस की मदद नहीं मिलने से सागर पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पा रही है। सागर पुलिस ने अपने स्तर पर बदमाशों के ठिकानों पर दो से तीन बार दबिश दी, लेकिन वे हाथ नहीं आए। लूटे गए आईफोन के ऑन होने पर एपल कंपनी ही इन्हें ट्रेस कर इनपुट पुलिस को दे रही है।
पुलिस को इनपुट मिला है कि बदमाशों ने चोर बाजार और ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स के जरिए आईफोन देश से बाहर तक बेच दिए हैं। अब तक अलग-अलग लोकेशन से 200 से ज्यादा लूटे गए आईफोन भी बरामद कर लिए गए हैं। मुख्य बदमाश की धरपकड़ के लिए पुलिस की 7 टीमें अलग-अलग जगहों पर घात लगाए हुए हैं। तीन साल पहले भी मोबाइल लूटे गए थे।
6 पॉइंट्स में समझिए पूरा मामला…
- 1). 12 अगस्त को कंटेनर (यूपी14 पीटी 0103) चेन्नई की एपल कंपनी से 3980 आईफोन लोड कर दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। इसका ड्राइवर था कानपुर (यूपी) का रहने वाला हरनाथ प्रसाद। ड्राइवर ने घटना वाले दिन ही थाने में शिकायत की, लेकिन एफआईआर नहीं लिखी गई।
- 2). 30 अगस्त को आईजी प्रमोद वर्मा तक मामला पहुंचा। इसके बाद बांदरी थाने की पुलिस ने ड्राइवर की शिकायत पर कंटेनर में साथ आ रहे सिक्योरिटी गार्ड मोहम्मद वारिस निवासी मनगोरका, पलवल (हरियाणा) समेत दो से तीन बदमाशों पर एफआई दर्ज कर जांच शुरू की।
- 3). कंटेनर ड्राइवर ने थाने में एफआईआर कराते हुए बताया था कि वह जब चेन्नई से चला तो एपल कंपनी की ओर से गार्ड मोहम्मद वारिस को भी साथ में भेजा गया था। रास्ते में वारिस ने कहा कि कंपनी का दूसरा स्टाफ भी आ रहा है। वह लखनादौन (सिवनी, एमपी) से हमारे साथ चलेगा।
- 4). 14 अगस्त की शाम 7.30 बजे लखनादौन पहुंचे। वारिस ने एक चाय के ठेले पर कंटेनर रोकने के लिए कहा। यहां एक लड़का खड़ा मिला। वारिस ने उसे कंपनी का स्टाफ बताया। सबने चाय पी, इसके बाद लड़का भी कंटेनर में साथ आ गया और सफर के लिए आगे बढ़ गए।
- 5). नरसिंहपुर के करीब पहुंचने पर ड्राइवर को नींद आने लगी। सिक्योरिटी गार्ड वारिस से उसने ये बात कही तो उसने बोला, कंटेनर सर्विस रोड पर खड़ा करके सो जाओ, हम देख लेंगे। जब नींद खुली तो हाथ-पैर बंधे थे। आंख पर पट्टी बंधी थी। उठने की कोशिश की तो किसी ने कमर पर कुछ सटा दिया।
- 6). ड्राइवर के मुताबिक, बदमाशों ने उसे कंटेनर के केबिन के कोने में लेटा दिया था। गोली मारने की धमकी दी। कंटेनर चल रहा था। इसके बाद उन्होंने सागर में हाईवे पर एक जगह कंटेनर खड़ा कर दिया। मैंने जैसे-तैसे हाथ-पैर की रस्सी खोली। मैंने बांदरी (सागर) थाने पहुंचकर जानकारी दी।
चोर बाजार और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए बेच रहे लूट गए आईफोन हाईवे से लूटे गए 1600 आईफोन बदमाश धीरे-धीरे अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बेच रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के चोर बाजार में भी मोबाइल बेचे हैं। अपने नेटवर्क की मदद से ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के जरिए भी आईफोन बेच रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग कर देश ही नहीं, पड़ोसी देशों के लोगों ने भी आईफोन खरीदे हैं। ऐसे इनपुट पुलिस को मिले हैं।
हालांकि, इसे लेकर पुलिस फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं बता रही है। जांच की बात की जा रही है। बदमाश शातिर हैं, उन्होंने अलग-अलग जगह कम संख्या में आईफोन बेचे हैं। पुलिस कुछ खरीदारों तक भी पहुंची है।
हरियाणा के नूंह और दिल्ली में पुलिस ने डाला डेरा घटना के बाद से सागर पुलिस के 50 से ज्यादा अधिकारी और जवान बदमाशों की धरपकड़ के लिए लगे हैं। अलग-अलग सात टीमें बनाकर दिल्ली, हरियाणा भेजी गई हैं। टीमें लोकेशन के आधार पर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
मुख्य आरोपी मोहम्मद वारिस की लोकेशन नूंह में मिली थी। पुलिस ने दबिश दी, लेकिन लोकल पुलिस का सहयोग नहीं मिला, ऐसे में उसे पकड़ा नहीं जा सका। इसके अलावा सागर पुलिस ने पलवल, दिल्ली समेत अन्य स्थानों पर भी दबिश दी है।
मेवाती गिरोह ऐसे करता है वारदात मेवाती गिरोह का नेटवर्क बेहद तगड़ा है। पुलिस उनका नेटवर्क क्रैक करने में लगी हुई है। मेवाती गैंग के सदस्य मध्यप्रदेश समेत दूसरे राज्यों में लगातार घूमते रहते हैं। इस दौरान वे अपना टारगेट चुनते हैं और फिर प्लानिंग करते हैं।
जहां उन्हें घटना करनी होती है, वहां उनका एक सदस्य दाखिल होता है। उसकी मदद से वारदात कर फरार हो जाते हैं। आईफोन लूट में भी मेवाती गिरोह ने यही तरीका अपनाया। वारिस सुरक्षा एजेंसी में गार्ड के रूप में भर्ती हुआ, इसके बाद साथियों की मदद से लूट की।
सरपंच के शपथ पत्र पर मिली थी नौकरी जिस एजेंसी पर सुरक्षा का जिम्मा है, उसने वारिस को गार्ड की नौकरी पर रखने से पहले उसके रिकॉर्ड और बैकग्राउंड का पता नहीं किया। सूत्रों की माने तो एजेंसी ने वैरिफिकेशन के नाम पर सिर्फ सरपंच का शपथ पत्र लिया था। इसके बाद उसे नौकरी पर रख लिया।
तीन साल में हाईवे पर मोबाइल लूट की ये चौथी वारदात सागर जिले से निकले 144 किमी लंबे नेशनल हाईवे-44 पर कंटेनर से मोबाइल लूट की वारदात पहले भी होती रही हैं। पिछले तीन साल में जिले की सीमा में लुटेरे 28 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के मोबाइल लूट चुके हैं। वारदात में बाहरी गिरोह का शामिल होना सामने आया, क्योंकि यहां से चोरी मोबाइल पुलिस ने नागालैंड से भी बरामद किए थे। कुछ मोबाइल देश के बाहर म्यांमार में भी बेचे गए थे।
- केस-1: अगस्त 2022 में गौरझामर थाना क्षेत्र में रानगिर तिगड्डे के पास 12 करोड़ रुपए के मोबाइल की लूट हुई थी। आंध्रप्रदेश से मोबाइल लेकर गुड़गांव जा रहे कंटेनर को बदमाशों ने हाईवे पर रोका और ड्राइवर को बंधक बनाकर दूसरे वाहन में मोबाइल लेकर भागे थे। ड्राइवर का अपहरण कर नरसिंहपुर में छोड़कर चले गए थे। घटना के बाद इंदौर में शिप्रा थाना पुलिस ने कंटेनर पकड़ा था।
- केस-2: तीन साल पहले लूट का एक मामला सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ था। हाईवे पर बम्होरी तिगड्डे के पास कंटेनर से मोबाइलों की लूट हुई थी। पुलिस ने वारदात के बाद स्पेशल टीमें बनाकर जांच में लगाई। एक टीम ने नागालैंड से चोरी के 90-95 मोबाइल बरामद किए थे। दो आरोपियों को सिक्किम से गिरफ्तार किया था। कुछ मोबाइल लुटेरों ने म्यांमार में बेचे थे, जिनकी जब्ती नहीं हो सकी थी।
- केस-3: एक और मामला भी तीन साल पुराना है। सुरखी थाना क्षेत्र में कंटेनर ड्राइवर ने रिश्तेदारों और गांव के लोगों के साथ मिलकर मोबाइल से भरे कंटेनर में लूट की थी। इसके बाद झूठी कहानी गढ़कर पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने जांच करते हुए हकीकत पता कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। चोरी हुए मोबाइलों की कीमत करीब 4 करोड़ रुपए थी। पुलिस ने मेवात निवासी कंटेनर चालक को भी पकड़ा था।
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कंटेनर से 12 करोड़ के 1600 आईफोन चोरी
मध्यप्रदेश के सागर में कंटेनर से 1600 आईफोन चोरी हो गए। इनकी कीमत 12 करोड़ रुपए बताई जा रही है। गाड़ी में लगे जीपीएस ट्रैकर से बचने के लिए आरोपियाें ने कंटेनर का गेट काटा। ड्राइवर को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया। घटना 15 अगस्त की है।