हरियाणा में नई शिक्षा नीति के तहत प्राइमरी कक्षाओं के सिलेबस में बदलाव किया गया है। जिसके तहत नए सत्र से कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी व छठीं कक्षा की नई पुस्तकें मिलेंगी। इन किताबों को बच्चों की रुचि अनुसार तैयार किया गया है, ताकि बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर पाएं।
हरियाणा शिक्षा विभाग में एडिशनल डायरेक्टर सुनील बजाज ने बताया कि नई किताबों को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि बच्चों को आपस में चर्चा करने का मौका मिलेगा। बच्चों के सामने खेल होंगे और खेल-खेल में बच्चे सीख पाएंगे। इसके अलावा पहेलियां व चुनौतियां भी रखी गई हैं, ताकि बच्चे खुद पढ़ें और खुद करें।
2 विषय की किताबें जोड़ी हरियाणा शिक्षा विभाग में एडिशनल डायरेक्टर सुनील बजाज ने बताया कि इस बाद विभाग द्वारा 2 नई किताबें (फिजिकल एजुकेशन एवं आर्ट एजुकेशन) को भी जोड़ा है। फिलहाल ये किताबें अध्यापकों को दी जाएंगी। जिससे कि अध्यापक बच्चों को विभिन्न गतिविधियां करवाएं। जो गतिविधि हर बच्चे से करवाई जानी अनिवार्य है। वहीं, इन विषयों के कक्षा में पीरियड भी शामिल किए हैं। पहले आर्ट एजुकेशन जिसमें डांस, ड्रामा, ड्राइंग आदि को कभी पढ़ाई में शामिल नहीं किया गया। लेकिन अब ये एक जरूरी विषय के रूप में लागू की जाएंगी।
किताबों के किए दो पार्ट एससीईआरटी ने पहली व दूसरी की गणित की किताब तैयार की हैं। किताबों को तैयार करने में एनसीआरटी की मदद भी ली गई है। इस बार किताबों के 2 पार्ट किए हैं। जिन्हें अलग-अलग समय में (वर्ष के शुरू के 6 महीने पार्ट वन व दूसरे 6 महीने पार्ट टू) पढ़ाए जाएंगे। जिससे बच्चों की रुचि बढ़े, उन पर अधिक बोझ ना हो और छह माह बाद नई किताबें मिल जाएं।
किताबों पर लगाए क्यूआर कोड इस बार किताबों के साथ क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे। जिससे शिक्षा विभाग को कोई बदलाव करना हो, कुछ जानकारी एड करनी हो, कोई गलती हो तो उसे सुधारना हो, कोई जानकारी देनी हो तो उसे एड किया जा सके। वहीं किताबों में हरियाणा के परिपेक्ष में 10 प्रतिशत बदलाव किया है। जैसे हरियाणा में तीज का त्योहार मनाया जाता है, जो नेशनल बुक में नहीं मिलेगा, वह भी डाला गया है।