हरियाणा में जन्मदिन पर छात्र लापता:बैंक से 15 हजार रुपए निकाले; बैग में लेटर छोड़ा, लिखा- मैं न अच्छा बेटा बन पाया न भाई
इसी दौरान माता-पिता ने शुभम के बैग की तलाशी ली, जिसमें से एक लेटर मिला। उसमें लिखा था “पापा, मैं न अच्छा बेटा बन पाया न भाई। 14 जून मेरा आखिरी दिन होगा”।
21 वर्षीय शुभम राजगढ़ रोड स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में BSc का छात्र था। उसके पिता माली हैं और प्राइवेट नौकरी कर घर चलाते हैं। पिता ने शुभम की गुमशुदगी की रिपोर्ट आजाद नगर थाने में करवाई है।
शुभम ने क्या लिखा लेटर में
शुभम ने बैग में जो पत्र छोड़ा है, उसमें लिखा है “हेलो पापा, मैं आपको एक बात बताऊं? मुझे पिछले 15-20 दिन से कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा। इन्हीं दिनों में मैने कई बाद सुसाइड का प्रयास किया। कभी हाथ की नस काटकर, कभी सांस रोककर तो कभी मोंटी की छत से कूदने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। फिर मैंने डिसाइड किया की 14 जून को मेरा इस धरती पर आखिरी दिन होगा।
इस घर में अगर आपको मेरे कपड़े और डॉक्यूमेंट गायब मिलें तो समझ जाना कि मैं घर छोड़कर जा चुका हूं। या मैं दुनिया छोड़कर चला गया हूं। इस जन्म में मैं न तो अच्छा बेटा बन पाया और न ही अच्छा भाई। उम्मीद है की अगले जन्म में आपका ही बेटा बनूंगा। पापा, मेरे जाने क बाद टेंशन मत लेना। उम्मीद है की आप मुझे जल्द ही भूल जाएंगे। आपका निकम्मा बेटा, शुभम…!
शुभम ने दूसरे कागज पर लिखे ATM के पासवर्ड
शुभम के पत्र के साथ एक और कागज मिला है, जिस पर बैंक ATM का पासवर्ड लिखा है। इस पत्र में लिखा “वेल पापा, मैंने 15 हजार रुपए अपने SBI वाले खाते से निकलवाए हैं, जिसे मैं सेटल होने पर आपको फोन-पे या गूगल-पे से वापस कर दूंगा।’ इस लेटर में शुभम ने ATM का पासवर्ड लिखा है। पासवर्ड को लेकर आगे लिखा, ‘पता नहीं यह सही है या गलत। आप इसे ज्योति की होली-डे होम वर्क वाली नोटबुक में चेक कर लेना। मैंने वहां भी पासवर्ड लिखे हुए हैं”।
2 बहनों का इकलौता भाई है शुभम
शास्त्री नगर निवासी अयोध्या प्रसाद ने बताया कि उसके 3 बच्चे हैं। शुभम, लक्ष्मी और ज्योति। शुभम BSc द्वितीय वर्ष का छात्र है। शुभम बैंक में 3 हजार रुपए जमा करवाने गया था, लेकिन वह वापस नहीं आया। इसके बाद जब बैंक से 15 हजार रुपए निकलने का मैसेज आया तो हमें शक हुआ। इसके बाद हमने शुभम के सामान की तलाशी ली।
अयोध्या प्रसाद का कहना है कि शुभम पहले भी घर से भाग जाने और मरने की धमकियां देता रहा है।