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मिस्र के राजा का 3400 साल बाद चेहरा बनाया:इनकी ममी पर सोने की परत चढ़ी थी, 14वीं सदी में मिस्र को सबसे ताकतवर बनाया था

कई देशों के वैज्ञानिकों ने मिलकर आमेनहोटेप के चेहरे को री-क्रिएट किया है। - Dainik Bhaskar
कई देशों के वैज्ञानिकों ने मिलकर आमेनहोटेप के चेहरे को री-क्रिएट किया है।

वैज्ञानिकों ने मिलकर 14वीं सदी में मिस्र के राजा रह चुके आमेनहोटेप III की ममी के जरिए उनका चेहरा बनाया है। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, पिछले 3400 सालों में यह पहली बार है, जब दुनिया के अब तक के सबसे अमीर शख्स आमेनहोटेप का चेहरा री-क्रिएट किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 14वीं शताब्द में आमेनहोटेप बेहद शक्तिशाली थे। मिस्र में उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता था। उनके नेतृत्व में न सिर्फ मिस्र का विकास हुआ बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वह महाशक्ति बनकर उभरा था। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, चेहरा बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने ममी के सिर से डेटा इकट्ठा किया। रीक्रिएशन टीम में ब्राजील के ग्राफिक्स डिजानर भी शामिल रहे।

काहिरा के नेशनल म्यूजियम में मिस्र के पूर्व राजा आमेनहोटेप III की ममी रखी हुई है।
काहिरा के नेशनल म्यूजियम में मिस्र के पूर्व राजा आमेनहोटेप III की ममी रखी हुई है।

खुद को सूर्य और वायु देवता का बेटा बताते थे आमेनहोटेप
आमेनहोटेप मिस्र के राजा तूतनखामुन के दादा थे। वह मिस्र के 18वें राजवंश का हिस्सा थे। उन्होंने अपने शासन के दौरान मिडिल ईस्ट में कई मंदिर बनवाए थे। उनका नाम सूर्य और वायु के भगवान आमुन के नाम पर रखा गया था, जिन्हें आमेनहोटेप अपना पिता बताते थे। उनके डिप्लोमैटिक खतों के जरिए यह अनुमान लगाया जाता है कि उनके पास बेशुमार दौलत थी।

ऑस्ट्रेलिया के पुरातत्वविद् (आर्केयोलॉजिस्ट) ने बताया कि आमेनहोटेप की ममी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस पर सोने की परत चढ़ी हुई थी। इसके जरिए ममी को भगवान की मूर्ति के तौर पर रखा गया था।

विशेषज्ञ ने बताया कि अमेनहोटेप III एक मोटे और बीमार व्यक्ति थे। उनके सिर पर बाल नहीं थे औैर वे दांत की समस्या से भी जूझ रहे थे। आमेनहोटेप की ममी की स्टडी पर पता चला की उनकी ऊंचाई लगभग 156 सेमी (5 फीट 1 इंच) रही होगी। इसी के साथ वे उस दौरे के सबसे कम कद के राजा थे। 1352 BC में करीब 40-50 साल की उम्र में आमेनहोटेप की मौत हो गई थी।

D स्कैनिंग के जरिए वर्चुअली खोली गई थी आमेनहोटेप I की ममी
साल 2021 में वैज्ञानिकों आमेनहोटेप I की ममी को वर्चुअली खोला था। इसका मतलब, वैज्ञानिकों ने कम्प्युटर की मदद से इस ममी के अवशेषों की जांच की थी। इसके लिए 3D स्कैनिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। इस दौरान राजा के जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारी डीटेल्स का पता लगाया गया था।

आमेनहोटेप की इस ममी को 1881 में खोजा गया था। हालांकि, ये ममी इतनी नाजुक है कि सदियों बाद भी वैज्ञानिकों ने इसे पूरी तरह खोलने की हिम्मत नहीं की।​​​​​​​ आमेनहोटेप की ममी फूलों की मालाओं और लकड़ी के फेस मास्क से सजी हुई है। उस समय राजाओं को मृत्यु के बाद ऐसे ही सजाकर दफनाया जाता था।

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