बंदर के सफेद मोतियाबिंद की पहली सर्जरी:हिसार के डॉक्टरों की उपलब्धि, आंखों की रोशनी वापस आई

बंदर के सफेद मोतियाबिंद की सर्जरी की। - Dainik Bhaskar
बंदर के सफेद मोतियाबिंद की सर्जरी की।

हरियाणा के हिसार में स्थापित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (LUWAS) ने बंदर के सफेद मोतियाबिंद की सर्जरी की है। हरियाणा में यह पहला मौका है जब इस तरह की सर्जरी हुई है। बंदरों में भी इंसानों की तरह सफेद मोतियाबिंद पाया जाता है।

लुवास के कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सा महाविद्यालय हिसार के पशु शल्य चिकित्सा एवं रेडियोलॉजी विभाग में यह ऑपरेशन हुआ है। हाल में ही स्थापित पशु नेत्र चिकित्सा इकाई में एक अंधे बंदर का सफलतापूर्वक मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। पूरे हरियाणा प्रदेश में बंदर के मोतियाबिंद की पहली सर्जरी है।

लुवास में बंदर की सर्जरी के बाद मौजूद डॉक्टर और हांसी के मुनीष कुमार।
लुवास में बंदर की सर्जरी के बाद मौजूद डॉक्टर और हांसी के मुनीष कुमार।

बंदर को बिजली के करंट से बचाया था

दरअसल इस यह बंदर हांसी में बिजली के करंट लगने से झुलस गया था। इस बंदर को हांसी के मुनीष कुमार ने बचाया। मुनीष कुमार ने बंदर को पहले पानी पिलाया इसके बाद बंदर होश में आया। इसके बाद मनीष कुमार ने हिसार के लुवास विश्वविद्यालय में संपर्क किया। बंदर को डॉक्टरों ने पहले घावों की मरहम पट्टी की। इसके बाद उसे बंदर को छुट्‌टी दे दी गई। इसके बाद मुनीष ने बंदर के ना चलने पर दोबारा डॉक्टरों से संपर्क किया। अब बंदर पूरी तरह से स्वस्थ है। मुनीष ने कहा कि उसे जानवरों से प्रेम है। इसी के चलते उसने बंदर की मदद की।

बंदर चलने लगा तो पता चला अंधा है

विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन चौधरी ने बताया कि यह बंदर हांसी के मुनीष द्वारा बिजली के करंट से झुलसने के बाद बचाया गया। शुरू में उसके शरीर पर जलने के कई घाव थे। वह चलने फिरने में असमर्थ था। कई दिनों के सेवा व उपचार के बाद जब बंदर चलने लगा तो उन्होंने पाया कि बंदर अंधा है। इसके बाद तब बंदर के मालिक उपचार के लिए लुवास के सर्जरी विभाग में लाए।

सर्जरी के बाद आंखों की रोशनी लौटी

पशु नेत्र चिकित्सा इकाई में जांच के उपरांत डॉ. प्रियंका दुग्गल ने पाया कि बंदर के दोनों आंखों में सफेद मोतिया हो गया है। एक आंख में विट्रस भी क्षतिग्रस्त हो चुका था, अतः दूसरे आंख की सर्जरी की गई और सर्जरी के पश्चात बंदर देखने लग गया। बंदर की लौटी रोशनी देखकर पशु प्रेमी मुनीश और उनके साथियों ने सर्जरी टीम का तहे दिल से धन्यवाद किया। डॉ. प्रियंका व उनकी टीम भी सर्जरी की सफलता से काफी उत्साहित है।

कुलपति प्रो. डॉ. विनोद कुमार वर्मा, डीन डॉ. गुलशन नारंग व अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने पशु कल्याण व बंदर में फेकोइमल्सीफिकेशन द्वारा सफलतापूर्वक मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए टीम सर्जरी को बधाई दी एवं भविष्य में पशु चिकित्सा एवं पशु कल्याण में और नए आयाम स्थापित करने का संदेश दिया है।

related news

  • +91 12345-67890
  • info@merablock.com
© 2025 Mera Block. all rights reserved