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दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट की लॉन्चिंग शाम 5.30 बजे:पहले-दूसरे टेस्ट में स्टारशिप में विस्फोट हो गया था, एक घंटे का होगा मिशन

दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का तीसरा टेस्ट आज 14 मार्च को शाम 5.30 बजे होगा। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। यह मिशन 01 घंटे 04 मिनट का होगा। लाइव स्ट्रीमिंग 30 मिनट पहले स्पेसएक्स के X हैंडल पर शुरू होगी।

स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस व्हीकल की उंचाई 397 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा।

 

स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है।
स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है।

स्पेस में ले जाने के बाद पानी में लैंडिंग होगी
इस टेस्ट में स्टारशिप को स्पेस में ले जाया जाएगा, फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया जाएगा। इस टेस्ट में स्टारशिप के पेलोड डोर को खोला और बंद भी किया जाएगा। अपर स्टेज कोस्ट फेज के दौरान प्रोपलेंट ट्रांसफर का डेमॉन्सट्रेशन किया जाएगा। अंतरिक्ष में रहते हुए पहली बार रैप्टर इंजन को चालू किया जाएगा।

स्टारशिप की कंट्रोल्ड रीएंट्री भी कराई जाएगी। इसके अलावा स्टारशिप एक नई ट्रैजेक्टरी पर फ्लाई करेगी। इसमें स्टारशिप को हिंद महासागर में उतारा जाएगा। स्पेसएक्स ने बताया कि नई फ्लाइट पाथ से हम इन-स्पेस इंजन बर्न जैसी नई तकनीक को टेस्ट कर पाएंगे।

 

4 मार्च को स्टारशिप ने अपनी लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी। स्टारशिप और सुपर हेवी पर 10 मिलियन पाउंड से अधिक प्रोपलेंट लोड किया गया था। उलटी गिनती को भी टी-10 सेकंड तक ले जाया गया था।
4 मार्च को स्टारशिप ने अपनी लॉन्च रिहर्सल पूरी की थी। स्टारशिप और सुपर हेवी पर 10 मिलियन पाउंड से अधिक प्रोपलेंट लोड किया गया था। उलटी गिनती को भी टी-10 सेकंड तक ले जाया गया था।

दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद खराबी आ गई थी
स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवबंर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया था। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया।

वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था।

दूसरे टेस्ट में रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सक्सेसफुल रही थी। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया था।

स्पेसएक्स ने स्टारशिप को टेक्सास के बोका चिका में स्टारबेस से लॉन्च किया था।
स्पेसएक्स ने स्टारशिप को टेक्सास के बोका चिका में स्टारबेस से लॉन्च किया था।
33 रैप्टर इंजनों की पावर से स्टारशिप ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी।
33 रैप्टर इंजनों की पावर से स्टारशिप ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी।
हॉट स्टैगिंग प्रोसेस के जरिए रॉकेट बूस्टर और स्टारशिप को अलग किया गया था।
हॉट स्टैगिंग प्रोसेस के जरिए रॉकेट बूस्टर और स्टारशिप को अलग किया गया था।
बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 90 Km ऊपर यह फट गया था
बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 90 Km ऊपर यह फट गया था

पहला टेस्ट: लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद विस्फोट हो गया था
20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था।

स्टारशिप के फेल होने के बाद भी एलन मस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। मस्क ने लॉन्चिंग से दो दिन पहले कहा था- सफलता शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की गारंटी है।

स्टारशिप ने 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी। इसके 4 मिनट बाद मेक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किलोमीटर ऊपर इसमें विस्फोट हो गया था।
स्टारशिप ने 20 अप्रैल को पहली टेस्ट उड़ान भरी थी। इसके 4 मिनट बाद मेक्सिको की खाड़ी के करीब 30 किलोमीटर ऊपर इसमें विस्फोट हो गया था।

स्टेज सेपरेशन में आई थी परेशानी
स्पेसएक्स ने कहा था- सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया, जबकि यह तय नहीं था। इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सीखते हैं, उससे सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा। टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेंगीं।

स्टारशिप सिस्टम

  • हाइट: 397 फीट
  • डायामीटर: 9 मीटर
  • पेलोड कैपेसिटी: 100-150 मीट्रिक टन

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