सेकेंड में श्मशान घाट की दीवार गिरी,VIDEO:2 बच्चियों समेत 5 की मौत, सुधार समिति प्रबंधन के खिलाफ FIR; जाम लगाया
गुरुग्राम में शनिवार शाम बड़ा हादसा हो गया। मदनपुरी स्थित श्मशान घाट के पीछे वाले गेट की दीवार अचानक गिर गई। इससे वहां बैठे 6 लोग इसकी चपेट में आ गए। मलबे के नीचे दबने से 2 बच्चियों समेत 5 लोगों की मौत हो गई। रविवार सुबह गुस्साए मृतकों के परिजनों ने बसई रोड पर पटौदी चौक पर जाम लगा दिया।
मृतकों की पहचान वीर नगर निवासी तान्या (11), खुशबू (10), अर्जुन नगर निवासी देवी दयाल उर्फ पप्पू (70), मनोज गाबा (54), कृष्ण कुमार (52) के रूप में हुई है। घटना अर्जुन नगर पुलिस चौकी से लगते इलाके की है। यहां पर श्मशान घाट की 18 फीट ऊंची दीवार थी, जो गिरी है।
घायल दिलीप कुमार ने कहा कि श्मशान भूमि सुधार समिति प्रबंधन को दीवार ठीक कराने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने इसे ठीक नहीं कराया। थाना न्यू कॉलोनी में श्मशान भूमि सुधार समिति प्रबंधन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
हादसे से जुड़े PHOTOS…
गली में बैठकर बात कर रहे थे
घटना का एक CCTV वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग दीवार के साथ गली में कुर्सियों पर बैठे हैं। 4 सेकेंड के अंदर अचानक दीवार गिरती है और वे नीचे दब जाते हैं। दीवार को गिरता देख वे कुर्सियों से उठ कर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन सब इतनी जल्दी हुआ कि वह संभल नहीं पाए। इसके बाद आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचते हैं और मलबा हटाना शुरू कर देते हैं।
इसके बाद मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालकर तुरंत प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान पप्पू, कृष्ण, मनोज और मासूम बच्ची खुशबू की मौत हो गई। गुरुग्राम पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की और शवों को कब्जे में ले लिया।
मौके पर मौजूद अभिसार ने बताया कि दीवार के साथ यहां लकड़ियां डाली गई हैं। इस वजह से दीवार झुक गई थी। कुछ लोग गली में दीवार के साथ बैठे हुए थे। बच्चे इसके पास खेल रहे थे तो अचानक दीवार गिर गई। वहां खड़ी कुछ बाइकें भी मलबे के नीचे दब गईं।
पुलिस को शिकायत में क्या कहा…
अर्जुन नगर के रहने वाले दिलीप कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि मैं बीआर कैटरिंग का मालिक हूं और 20 साल से अर्जुन नगर में ही दुकान चला रहा हूं। 20 अप्रैल की शाम मैं, देवी दयाल उर्फ पप्पू, मनोज गाबा, कृष्ण कुमार, उसकी दुकान पर काम करने वाले लोग व एक मशाद नाम का व्यक्ति गली में ही श्मशान घाट की दीवार के साथ बैठे हुए थे। गली में बच्ची तान्या और खुशबू खेल रही थी।
तभी अचानक श्मशान घाट की दीवार उनके ऊपर गिर गई। सभी लोग मलबे के नीचे दब गए। मुझे भी पैर, कमर और छाती पर चोट आई। श्मशान घाट की दीवार कई दिनों से टेढ़ी हो चुकी थी। इसका जोड़ भी खुला हुआ था। इस बारे में उसके बड़े भाई अनिल ने श्मशान भूमि सुधार समिति के सदस्य सुभाष खरबंदा व केके बाम्ब को सूचित किया था। भाई ने उन्हें दीवार के फोटो भी भेजे थे और इसे बार-बार ठीक कराने का निवेदन किया था, लेकिन समिति ने दीवार ठीक नहीं कराई। शनिवार शाम साढ़े 6 बजे अचानक दीवार गिर गई।
जिसमें मेरे साथी मनोज गाबा, देवी दयाल उर्फ पप्पू, कृष्ण कुमार व गली में खेल रही बच्ची तान्या और खुशबू की मलबे में दबने से मौत हो गई। साथ ही गली में खड़ी बाइक और स्कूटर भी मलबे में दब गए। घटना में उसे भी चोटें आईं। उसका गुरुग्राम के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने समिति के सदस्यों को कहा था कि अगर दीवार ठीक नहीं कराई तो किसी भी समय हादसा हो सकता है। घटना के लिए समिति प्रधान परमजीत सिंह, ओबेरॉय, सुभाष खरबंदा, केके बाम्ब और देखरेख करने वाले लोग इसके जिम्मेदार हैं।