रणजीत चौटाला की भीतरघात करने वालों को चैलेंज:बोले- चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, हिसार नहीं छोड़ूंगा; उनके आरोप पर कुलदीप बिश्नोई-सुभाष बराला चुप
हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला हार के बाद लगातार समीक्षा करने में जुटे हुए हैं। हार के कारणों की समीक्षा करते-करते इन दिनों उनके निशाने पर पार्टी के नेता हैं। हिसार के अग्रसेन भवन में कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने चुनाव में भीतरघात करने वाले नेताओं को चुनौती दी है कि उनके मनसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
रणजीत ने कहा कि जयचंद हर युग में और हर जगह होते हैं। मगर हिसार में जो जयचंद हैं, वह उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे और न ही इनके डर से हिसार छोड़ेंगे। सिरसा की रानियां विधानसभा सीट से चुनाव लड़ूंगा। किसी के मन में गलतफहमी हो कि रणजीत सिंह को पार कर दिया, लेकिन रणजीत सिंह पार होने वाला नहीं है। रणजीत सिंह यहीं बैठेगा।
मैं राजनीतिक परिवार से हूं। चौधरी देवीलाल का बेटा हूं। जिससे दोस्ती की है तो दोस्ती निभाते हैं। उसका श्मशान घाट तक भी साथ नहीं छोड़ते। मगर जिससे दुश्मनी रख लें तो उसे भूलते नहीं हैं। राजनीतिक आदमी दोस्ती और दुश्मनी भी राजनीति से करता है।
रणजीत चौटाला ने हिसार की जनता से वादा किया कि मैं पहले की तरह हर महीने की 5 तारीख को हिसार आऊंगा।
जयचंदों की रिपोर्ट आलाकमान को दूंगा
रणजीत चौटाला ने कहा कि हिसार भाजपा में जो जयचंद हैं, उनकी रिपोर्ट वह मनोहर लाल को लिखित में दे चुके हैं और अब वह दोबारा दिल्ली जाएंगे और अमित शाह और जेपी नड्डा को भी जयचंदों के बारे में अवगत करवाएंगे। हार के कारणों का सबको पता है, भाजपा हाईकमान को भी पूरी रिपोर्ट है। राजनीति में माफी का खाता नहीं होता। मेरा चुनाव हो गया, लेकिन 4 महीने बाद दोबारा चुनाव है। इस चुनाव में सबके हिसाब होंगे।
18 हलकों में वोट ट्रांसफर करने का दम रखता हूं
रणजीत ने कहा कि हिसार और सिरसा लोकसभा में 18 हलके हैं। मैं हर हलके में जाऊंगा अपने कार्यकर्ताओं से मिलूंगा। मैं देवीलाल का बेटा हूं, दम रखता हूं। 18 हलकों में वोट ट्रांसफर करने का दम रखता हूं। भाजपा ने उनको जो सम्मान दिया है, वह कभी नहीं भूलेंगे। निर्दलीय होते हुए भी कैबिनेट में तीसरे नंबर पर शपथ दिलाई।
जयचंद लोकसभा चुनाव में पैदा होते हैं
रणजीत चौटाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव में तो हलका सामने होता है। असली जयचंद तो लोकसभा चुनाव में सामने होते हैं और जो जयंचद हैं, उनका इलाज तो करूंगा तुम निश्चित रहो। चुनाव तो चौधरी देवीलाल हारे, इंदिरा गांधी हारी थीं और अटल बिहारी वाजपेयी हारे। चुनाव जीतना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यह भीड़ साथ रखना बड़ी बात होती है
रणजीत चौटाला का ऑडियो वायरल होने से मचा घमासान
दरअसल, हाल ही में एक ऑडियो वायरल हुई। जिसमें दावा किया गया कि यह रिकॉर्डिंग रणजीत चौटाला की है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह कॉल रिकॉर्डिंग 1 मिनट 24 सेकेंड की है, जिसमें रणजीत चौटाला अपनी हार के लिए हिसार के बड़े नेताओं कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु, रणधीर पनिहार और भाजपा चुनाव समिति के चेयरमैन सुभाष बराला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
हालांकि इस कॉल रिकॉर्डिंग में रणजीत चौटाला की आवाज की भास्कर पुष्टि नहीं करता। रणजीत चौटाला हिसार के आर्य नगर गांव के रहने वाले बलजीत सिंह से फोन पर बात कर रहे हैं। इसमें रणजीत चौटाला बताए जा रहे शख्स ये भी कह रहे हैं कि इनकी खिंचाई करेंगे, चिंता मत करो, मैं इनको माफ नहीं करता।
रणधीर ने रणजीत को दिया जवाब, कैप्टन ने साधी चुप्पी
वहीं अब रणधीर पनिहार से वायरल ऑडियो पर रणजीत चौटाला को जवाब दिया है। पनिहार ने कहा- ”अगर मैं और कुलदीप बिश्नोई आदमपुर और नलवा में जोर न लगाते तो रणजीत दोनों जगह से 50-50 हजार वोटों से हारते”। रणजीत चौटाला चुनाव के बाद यह सब बातें बोल रहे हैं।
अगर हिम्मत करते तो चुनाव से एक दिन पहले कहते। चुनाव से एक दिन पहले मेरे फार्म हाउस पर कार्यकर्ताओं के सामने चौटाला ये कहकर आया था कि रणधीर पनिहार, मैं आपकी हर बात का वजन रखूंगा।
उधर, कैप्टन अभिमन्यु ने कहा- मैंने ऑडियो सुनी है। रणजीत चौटाला ने जब ऑडियो डिनाई कर दिया है तो मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता। हर कोई हार की समीक्षा करता है। मेरा इस पर कोई प्रतिक्रिया देना गलत है।
वहीं सुभाष बराला की इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
चारों नेताओं का चौटाला को वोट दिलाने में योगदान क्या रहा?…
कुलदीप बिश्नोई: आदमपुर बिश्नोई परिवार की पैतृक सीट है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को यहां से 59 हजार 540 वोट मिले, जबकि रणजीत चौटाला को 53 हजार 156 मत मिले। आदमपुर में रणजीत चौटाला जेपी से 6,384 वोट से पीछे रहे। 2 साल पहले हुए आदमपुर उपचुनाव में भव्य बिश्नोई, जेपी से करीब 15 हजार से अधिक वोटों से जीते थे।
कैप्टन अभिमन्यु: इनका विधानसभा इलाका नारनौंद है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश को 86 हजार 144 वोट मिले, जबकि रणजीत चौटाला को 41 हजार 350 वोट मिले। जेपी को 44 हजार 794 वोट मिले। इस लिहाज से इस विधानसभा में चौटाला की करारी हार हुई।
रणधीर पनिहार: पनिहार नलवा से भाजपा के बड़े नेता हैं। यहां से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश को 55 हजार 362 वोट मिले, जबकि रणजीत को 52 हजार 923 वोट मिले। चौटाला यहां कांग्रेस के जयप्रकाश से 2439 वोट से पीछे रहे।
सुभाष बराला: बराला हरियाणा में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। फिलहाल वह राज्यसभा सांसद हैं। लोकसभा चुनाव को लेकर उन्हें हरियाणा में लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया था। हिसार में जिले की टीम में उनके कई करीबी हैं जो चुनाव में सक्रिय नहीं रहे।