हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: बिजली बिल में नहीं देना होगा MMC, राज्य के लाखों परिवारों को मिलेगी राहत
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: बिजली बिल में नहीं देना होगा MMC, राज्य के लाखों परिवारों को मिलेगी राहत
नायब सैनी और मनोहर लाल।
Haryana Electricity Bill Reduction Order: हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एमएमसी न लगाने का फैसला लिया है। इस नियम के तहत 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी-1 में आने वाले बिजली उपभोक्ताओं पर 115 रुपये न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) देना होगा। यह नियम पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में ही लाया गया था, जिसे अब सीएम सैनी ने लागू कर दिया है।
बता दें कि पूर्व सीएम के द्वारा 23 फरवरी को अपने 2024-25 के बजट प्रस्तावों में गरीब लोगों को राहत देने की घोषणा के दौरान यह नियम लाया गया था। जिसे अब जाकर चार महीने बाद लागू किया गया है।
लाखों परिवारों को मिलेगा फायदा
पूर्व सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा विधानसभा में कहा था कि मैं 2 किलोवाट तक के घरेलू कनेक्टेड लोड वाले टैरिफ श्रेणी-1 के उपभोक्ताओं के लिए एमएससी को समाप्त करने का प्रस्ताव करता हूं। उन्होंने कहा था कि सरकार के इस फैसले से राज्य में गरीब परिवारों को लगभग 180 करोड़ रुपये की राहत मिल सकेगी। इसके साथ ही एमएमसी शुल्क समाप्त करने के इस फैसले से राज्य के लगभग 9.5 लाख गरीब परिवारों को फायदा मिलेगा।
राज्य सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी दी कि यह नियम अगले बिलिंग चक्र से लागू किया जाएगा और उपभोक्ताओं को उनके कुल बिजली बिल में न्यूनतम 2 प्रतिशत से अधिकतम 91 प्रतिशत तक की राहत मिल सकती है। उन्होंने बताया कि घरेलू कनेक्शन और दो किलोवाट तक के लोड पर 115 रुपये प्रति किलोवाट का ये फैसला लोकसभा चुनाव से पहले आता तो तस्वीर कुछ और होती।
ऐसे समझें यह नियम
– इस योजना के अनुसार, उपभोक्ताओं को केवल खपत की गई बिजली इकाइयों के लिए भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए, पहले अगर 1 किलोवाट लोड वाला परिवार एक महीने में 30 यूनिट बिजली की खपत करता था, तो बिल 115 रुपए बिल आता था, जो अब घटकर 60 रुपये रह जाएगा क्योंकि एमएससी लागू नहीं होगा।
– पहले 2 किलोवाट लोड वाले उपभोक्ता को एक महीने में 30 यूनिट खपत करने पर 230 रुपये का भुगतान करना पड़ता था, क्योंकि प्रति किलोवाट लोड पर एमएमसी 115 रुपये थी। नए बिलिंग चक्र के तहत यह बिल घटकर 60 रुपये हो जाएगा, क्योंकि प्रति यूनिट शुल्क 2 रुपये है और इसके साथ कोई MMC नहीं लगेगा।
– राज्य में शून्य से 50 यूनिट तक बिजली का शुल्क 2 रुपये प्रति यूनिट है और यदि खपत 51 से 100 यूनिट के बीच है तो 2.50 रुपये प्रति यूनिट चार्ज किया जाता है। यदि हर महीने बिजली की खपत 101-150 यूनिट के ब्रैकेट में है, तो संचयी शुल्क 2.75 रुपये प्रति यूनिट है, जिसमें बिलिंग के लिए शून्य से 150 तक की इकाइयों की गणना की जाती है।